नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए 5 मैचों की टी20 सीरीज में भारत को 4-1 से जीत जरूर मिली, लेकिन इस सीरीज के चौथे मैच के दौरान यानी पुणे में कनकशन सब्सटीट्यूट को लेकर विवाद खड़ा हो गया। चौथे टी20 मैच के दौरान शिवम के सिर पर गेंद लग गई थी और दूसरी पारी में उनकी जगह टीम में हर्षित राणा को शामिल किया गया था। इस बदलाव को लेकर इंग्लिश कप्तान जोस बटलर ने भी नाराजगी जताई थी और कहा था कि वो इससे सहमत नहीं थे।
अब टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी इस मामले पर राय दी और उनका मानना है कि भारत को पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी20 मैच में शिवम दुबे की जगह कनकशन सब्सटीट्यूट को शामिल नहीं करना चाहिए था। गावस्कर ने भी इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाजों की दलील पर अपनी सहमति जताते हुए कहा था कि दुबे ने सिर पर गेंद लगने के बावजूद आखिरी ओवर में अंत तक बल्लेबाजी की और उन्होंने कहा कि इस ऑलराउंडर को सिर में चोट नहीं लगी थी।
गावस्कर ने टेलीग्राफ के लिए अपने कॉलम में लिखा कि पुणे में खेले गए मैच में हेलमेट पर चोट लगने के बाद भी दुबे ने अंत तक बल्लेबाजी की और इसके बाद ये साफ था कि उन्हें चोट नहीं लगी थी। जब उन्होंने अंत तक बल्लेबाजी की तो फिर चोट के कारण विकल्प की अनुमति देना सही नहीं था। हां अगर बल्लेबाजी करते समय उनकी मांसपेशियों में खिंचाव होता तो विकल्प हो सकता था, लेकिन वह केवल फील्डिंग के लिए होता और वह (हर्षित राणा) गेंदबाजी नहीं कर सकते थे।
इसके अलावा इस पूर्व बैटर ने इंग्लैंड के साथ सहानुभूति जताई और कहा कि भारत को इस तरह की हरकतों से अपनी जीत को धूमिल नहीं करना चाहिए था। गावस्कर ने कहा कि दुबे और राणा के बारे में कोई ये तो कह सकता है कि दोनों एक ही कद काठी के हैं और उनकी फील्डिंग का स्तर एक जैसा है, लेकिन इसके अलावा जहां तक दोनों का सवाल है तो उनके बीच कुछ भी समान नहीं है। यह भारतीय टीम एक शानदार टीम है और उसे अपनी जीत को इस तरह की हरकतों से धूमिल नहीं होने देना चाहिए।