नई दिल्ली: 1 जून 2024 की तारीख भारतीयों के लिए बहुत अहम होनी वाली है. इस दिन लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के लिए वोटिंग होगी तो टी-20 विश्वकप का आगाज. सोशल मीडिया से लेकर तमाम चौक-चौराहों पर विराट कोहली की चर्चा है. सवाल इस बात का है कि विराट कोहली को टीम में रखा जाना चाहिए या नहीं.
1988 में जन्मे इस क्रिकेटर की उम्र अब 35 साल के करीब है. साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में करियर की शुरुआत करने वाले विराट कोहली दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं जिनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की जाती है. वनडे क्रिकेट में विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर के शतकों का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं. विराट कोहली 50 बार शतक लगा चुके हैं और सचिन तेंदुलकर ने 49 सेंचुरी लगाई हैं. टी-20 में भी विराट कोहली अब तक कई ऐतिहासिक पारियां खेल चुके हैं.
लेकिन टी-20 विश्वकप की बात करें तो उनका प्रदर्शन उनकी क्षमता से मेल नहीं खाता है. मौजूदा दौर में जब कई युवा बल्लेबाज तैयार हैं तो कोहली के आंकड़े थोड़ा परेशान करने वाले हैं. लगभग 16 सालों से क्रिकेट खेल रहे विराट कोहली का टी-20 विश्वकप में सबसे ज्यादा स्कोर 89 है. साल 2016 लेकर 2020 में हुए टी-20 विश्वकप में विराट ने दो बार 50 रन बनाए हैं और उनका एवरेज 44.66 है. जबकि टी-20 में कुल एवरेज 50 से ज्यादा है. ऐसी कुछ और फैक्ट्स हैं जो चयनकर्ताओं के मन में सवाल पैदा कर सकते हैं.
- इसमें कोई दो राय नहीं है कि विराट कोहली मौजूदा दौर में महान बल्लेबाजों में से एक हैं. लेकिन हाईवोल्टेज वाले टी-20 विश्वकप के मुकाबलों में उनकी उम्र भी एक फैक्टर है. बीते कुछ सालों की बात करें तो उनके प्रदर्शन में भी गिरावट है.
- टीम प्रबंधन में भी कोहली को कहां रखा जाए इस पर माथापच्ची हो सकती है. विराट कोहली अब जिस तक तरह का क्रिकेट खेलते हैं उसकी तुलना में युवा क्रिकटरों की फिटनेस भी एक पैमाना हो सकता है. अगर चयनकर्ताओं को थोड़ा भी लगेगा कि कोहली की वजह से टीम का बैलेंस गड़बड़ा सकता है तो हो सकता है कि उनको टी-20 में जगह न दी जाए.
- अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में विराट कोहली ने 2019 से लेकर 2021 के बीच एक बार भी शतक नहीं लगाया है. वहीं 2016 से 2018 के बीच उन्होंने 4 बार 100-100 रन बनाए हैं.
- बात करें बल्लेबाजी के औसत की तो 2019 से लेकर 2021 के बीच में विराट की बल्लेबाजी का एवरेज 43.81 रहा है जबकि टी-20 करियर में औसत 50.80 है.
- स्ट्राइक रेट की बात करें तो साल 2019 से लेकर 2021 के बीच स्ट्राइक रेट 133.97 है जबकि इससे पहले तीन सालों में 136.30 था. पूरे करियर की बात करें तो 137 से थोड़ा ज्यादा है.
इन आंकड़ों से साफ जाहिर है कि विराट कोहली के प्रदर्शन में गिरावट है. विराट का प्रदर्शन शानदार रहा है. लेकिन उनका स्ट्राइक रेट चिंता की वजह है खासकर उस समय जब टीम को उनसे शानदार प्रदर्शन की जरूरत हो.
तो क्या टी-20 विश्वकप में नहीं है विराट कोहली की जरूरत है? दरअसल आंकड़ों को देखते हैं तो विराट कोहली का प्रदर्शन में भले ही एक ठहराव दिखता है, लेकिन उन्हीं से जुड़े कुछ फैक्ट्स ऐसे भी हैं जो साबित करते हैं कि उनका टीम में होना कितना जरूरी है.
- विराट कोहली दुनिया में ऐसे पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने टी-20 मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं. 50 से ज्यादा की औसत से कोहली अब तक 3 हजार रन बना चुके हैं. उनके इस रिकॉर्ड से अंदाजा लगा सकते हैं कि इस हाईवोल्टेज मुकाबले में टीम में रहना कितना जरूरी है.
- कुछ लोगों का मानना है कि विराट कोहली का स्ट्राइक रेट टी-20 में ज्यादा अच्छा नहीं रहा है. लेकिन यहां इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि विराट कोहली ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी में लगातार सुधार किया है. बीते कुछ मैचों को ध्यान दें तो उनका स्ट्राइक रेट बढ़ा है.
- विराट कोहली की मौजूदगी टीम के मनोबल को भी बढ़ाएगी. वो एक ऐसे बल्लेबाज हैं जिनसे दुनियाभर के गेंदबाज खौफ खाते हैं. उनका होना विरोधी टीम पर मनोवैज्ञानिक दबाव का काम करता है. रणनीतिक तौर पर विराट का होना बहुत जरूरी है.
- विराट कोहली ऐसे बल्लेबाज हैं जो किसी भी ऑर्डर पर बैटिंग कर सकते हैं. टीम इंडिया के लिए उन्होंने ओपनिंग के साथ-साथ मिडिल ऑर्डर का भी जिम्मा संभाला है और कई बार मैच जिताऊ पारी खेली है.
क्या कहते हैं वेंकटेश प्रसाद
बीसीसीआई के पूर्व चयनकर्ता वेंकटेश प्रसाद ने साफ कहा है कि टी-20 विश्वकप में टीम इंडिया के लिए विराट कोहली बहुत ही अहम हैं. खुद को साबित करने के लिए आईपीएल में अच्छा खेलना ही पैमान नहीं हो सकता है. प्रसाद ने कहा कि फॉर्म की वजह से वो कभी टीम से बाहर नहीं हुए हैं. कोहली हमेशा पारिवारिक वजहों के चलते ही टीम से बाहर रहे हैं.