न्यूयॉर्क: वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर ब्रायन लारा अमेरिका और वेस्टइंडीज में हो रहे टी-20 विश्व कप को लेकर बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने भारत को वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और अफगानिस्तान के साथ शीर्ष चार में पहुंचने के लिए प्रबल दावेदार बताया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान का मैच किसी महामुकाबले से कम नहीं होता। आगामी टी20 विश्व कप को लेकर अभिषेक त्रिपाठी ने ब्रायन लारा से विशेष बातचीत की
कैरेबिया में अगर कुछ दिनों के भीतर अधिक मैच हुए जैसे चार-पांच दिनों के अंदर दो या तीन मैच तब हमें वहां अधिक स्पिन देखने को मिल सकती है। वहां पिच हमें थोड़ी सूखी मिलेंगी जिससे स्पिनरों को अधिक लाभ मिल सकता है। हालांकि, मुझे लगता है कि सभी का प्रयास यही होगा कि विश्व कप शानदार हो। वहीं, अमेरिका में जहां भी ड्राप इन पिचें हैं उन्हें आस्ट्रेलिया के अनुभवी क्यूरेटरों की देखरेख में तैयार किया है। मैं ब्रायन लारा क्रिकेट एकेडमी स्टेडियम में होने वाले मैचों को लेकर बहुत उत्साहित हूं। यहां वेस्टइंडीज बनाम न्यूजीलैंड पहला मैच होगा। यहां अफगानिस्तान की टीम भी खेलेगी, जिन्हें मैं छुपारुस्तम मानता हूं। वहां एक सेमीफाइनल भी होने वाला है। मैं इस ऐतिहासिक मैच का बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा हूं।
नहीं, क्योंकि जब आप चयनित स्पिनरों को देखोगे तो उनमें अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा भी शामिल हैं। इनके अलावा कुलदीप यादव और युजवेंद्रा सिंह चहल हैं। मैं इन्हें चार स्पिनरों के रूप में नहीं देखता। इनमें दो स्पिनर हैं, जबकि दो आलराउंडर हैं। मैं इन्हें ऐसे ही देखता हूं। अक्षर और जडेजा ने भारत को अपनी बल्लेबाजी से भी मैच जिताए हैं। कैरेबियाई धरती में जहां पिचें अगर स्पिन के लिए मददगार हुईं वहां आप स्वयं को मजबूत करना चाहोगे। भारत ने अपनी टीम में हर अस्त्र रखने के लिए ये चयन किए हैं, ताकि परिस्थियां प्रतिकूल हों तो ये काम आ सकें।
नहीं सबसे पहले तो अगर आप टीम से देखो सभी खिलाड़ी चुने जाने के लायक थे। साथ ही 10 और ऐसे खिलाड़ी हैं, जो टीम में चुने जाने के लायक थे। यह कोई खराब समस्या नहीं है। भारत में खिलाड़ियों के चयन को लेकर मुख्य चयनकर्ता ने कहा भी था कि उनके लिए यह निर्णय बहुत कठिन था। यह एक शानदार बात है। इसका अर्थ है कि आपकी टीम हर क्षेत्र में सुदृढ़ है। मुझे लगता है कि यह टीम बहुत अच्छी है। हालांकि, रणनीति बहुत महत्वपूर्ण होगी। इसके लिए राहुल द्रविड़ को ध्यान देना होगा। यह वैसी टीम है जिसमें इतने अनुभवी खिलाड़ी हैं कि आप चाहोगे कि इन्हें छोड़ दो यह स्वयं खेल सकते हैं, लेकिन भारतीय टीम को ऐसा नहीं करना चाहिए। भारत को रणनीति और योजना तैयार कर मैदान में उतरना चाहिए। पावरप्ले में कैसी बल्लेबाजी करनी चाहिए, कौन से स्थान पर कैसी बल्लेबाजी करनी है यह पहले से तय करना बहुत महत्वपूर्ण होगा। यहां खिलाड़ी महत्वपूर्ण नहीं हैं, आवश्यक है कि आपको किस नंबर पर बल्लेबाजी करनी है और आपके लिए क्या रणनीति बनाई गई है।
हां, मैं यही काहूंगा कि मेरी चिंता यह है कि इस टीम में संदीप शर्मा को होना चाहिए था। उनका कौशल वेस्टइंडीज और अमेरिकी परिस्थितियों के लिए बिल्कुल अनुकूल है। उन्हें टीम में होना चाहिए था।
मैं बहुत उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि हमारी टीम में बहुत सारे मैच विनर हैं। हम पिछली बार टी-20 विश्व कप में सुपर-12 में भी नहीं पहुंच सके थे, इसलिए हम घर पर खेल रहे हैं केवल इससे हम प्रबल दावेदार होंगे यह, हमें सोचने का अधिकार नहीं है। कुछ वर्ष पहले हमारी टीम में यही खिलाड़ी थे और हम जीत नहीं सके थे, इसलिए मैं चाहता हूं कि हम इसमें छुपारुस्तम बनकर ही खेलें और चौथे सबसे मजबूत टीम के रूप में रहें। मैं नहीं चाहता कि हमारी टीम को उस नजरिये से देखा जाए कि वह सबसे प्रबल दावेदार हैं। मैं चाहता हूं कि वह जीत के लिए भूखे हों, मैच जीते और अपने आप को साबित करें। हम स्वयं पर विश्वास करें, लेकिन अति आत्मविश्वास का शिकार न हों।
मैं इसे कोई मुद्दा नहीं बनाना चाहता हूं क्योंकि सुनील नारायण को पता है कि सुनील नारायण के लिए सर्वश्रेष्ठ क्या है। मुझे इसके पीछे की पूरी कहानी नहीं पता पर मैंने कहीं पढ़ा है कि उन्होंने बोला है कि वह देखना पसंद करेंगे। उन्हें किसी भी टीम में होना चाहिए था इसमें कोई दो राय नहीं है। कोई एक व्यक्ति टीम नहीं बनाता। कई अलग-अगल तरह के खिलाडि़यों को मिलाकर एक टीम बनती है। मुझे यही आशा है कि रोवमन पावेल, सपोर्ट स्टाफ समेत पूरा प्रबंधन मिलकर टीम के लिए एक अच्छा वातावरण तैयार करेंगे।
अगर चार प्रबल दावेदारों की बात करूं तो वेस्टइंडीज, अफगानिस्तान, भारत और इंग्लैंड। यह चार टीमें टूर्नामेंट में सबसे प्रबल दावेदार होंगी। अफगानिस्तान इसलिए क्योंकि राशिद खान खेल रहे हैं। उनके पास अच्छे स्पिनर हैं, दो-तीन अच्छे बल्लेबाज हैं। टी20 में अगर दो-तीन बल्लेबाज अच्छी फार्म में हों तो आपको 11 बल्लेबाजों की आवश्यकता नहीं होती। राशिद खान भी अंत में आकर गेंदबाजी आक्रमण को खराब कर सकते हैं। मुझे लगता है कि उनकी ताकत यही है कि वह किसी भी टीम को हराने की क्षमता रखते हैं। अगर वह 200 या 180 रन स्कोरबोर्ड पर लगाने में सफल हो जाते हैं तो उनकी स्पिन गेंदबाजी में राशिद, नबी, मुजीब और नूर जैसे गेंदबाज हैं। वहीं तेज गेंदबाजी आक्रमण में नवीन उल हक हैं। यह सभी शानदार क्रिकेटर हैं।
देखिए पिछले कुछ सालों में ये मैच किसी महामुकाबले में बदल गया है। इन दोनो टीमों के बीच विश्व कप में होने वाली भिड़ंत को लेकर एक अलग तरह का रोमांच होता है। अगर रिकार्ड की बात करें तो 2021 में दुबई के अलावा विश्व कप में भारतीय टीम पाकिस्तान से कभी नहीं हारी है। ऐसे में भारतीय टीम का पलड़ा भारी लग रहा है।