नई दिल्ली: हाल ही में विश्व टेबल टेनिस टूर्नामेंट (डब्ल्यूटीटी) के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली भारत की स्टार महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी ने बताया कि किस तरह लगातार चीन की खिलाड़ियों को मात दी जा सकती है। सउदी अरब में खेले गए ग्रैंड स्मैश के क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली मनिका ने दूसरे दौर में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी वांग मान्यु को शिकस्त दी थी। वान्यु 2021 में महिला सिंगल्स की विश्व चैंपियन रहने के साथ टोक्यो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता हैं। टूर्नामेंट के महिला सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल में जापान की हिना हयाता से 1-4 से हारकर उनका सफर समाप्त हो गया था।
डब्ल्यूडब्ल्यूटी टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनने वाली मनिका बत्रा ने कहा कि विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज खिलाड़ियों को लगातार हराने के लिए उन्हें रणनीति और फिटनेस के मोर्चे पर बेहतर होना होगा। मनिका ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, एक सप्ताह तक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने से उन्हें इस बात का अच्छा अंदाजा हो गया है कि पेरिस ओलंपिक से पहले उन्हें कहां सुधार करने की जरूरत है। मैं वास्तव में खुश हूं। मुझे उसे हराने में बहुत मजा आया। मकाऊ के बाद मैं अपने कोच के साथ योजना बनाई। मैं उस समय वास्तव में भावुक थी क्योंकि मैंने उन्हें बताया कि कुछ गलत हो रहा है और हमें वास्तव में कुछ चीजों पर काम करना होगा। इसके बाद हमारे पास मेहनत करने के लिए 10-12 दिन का समय था। इस दौरान अभ्यास सत्र से मुझे वास्तव में मदद मिली। इसका फायदा सिर्फ वांग ही नहीं बल्कि अन्य दो खिलाड़ियों के खिलाफ भी मिला।
इस समय विश्व रैंकिंग में 39वें नंबर पर काबिज मनिका इस प्रदर्शन के बाद शीर्ष 25 में पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि चीन की मजबूत खिलाड़ियों के खिलाफ लगातार प्रतिस्पर्धा करने के लिए उन्हें खेल की गति बढ़ाने के साथ अपने फोरहैंड से अधिक आक्रमण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मुझे ज्यादा अंतर नहीं दिखा, लेकिन मैंने इस टूर्नामेंट में महसूस किया कि अगर आप सेमीफाइनल और फाइनल में पहुंचना चाहते हैं, तो आपकी फिटनेस उच्च दर्जे की होनी चाहिए। इस मामले में चीन और जापान की खिलाड़ी वास्तव में काफी आगे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए कि क्वार्टर फाइनल या सेमीफाइनल के बाद आप पर थकान हावी होने लगें। ऐसे में मैंने इस टूर्नामेंट से वास्तव में सीखा कि मुझे ओलंपिक तक अपनी फिटनेस और खेल की गति को बढ़ाने पर काम करना होगा।