नई दिल्ली : भारतीय टीम के लिए रविवार का दिन बेहद खराब रहा। कुल मिलाकर देखा जाए तो तिरुअनंतपुरम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए दूसरे टी-20 में भारतीय टीम की सिर्फ एक ही चाल कामयाब रह सकी। टॉस के बाद शीर्ष बल्लेबाजों की विफलता, गेंदबाजी में बेदम, दोयम दर्जे का क्षेत्ररक्षण। यह कुछ ऐसे पहलू थे जिसके बिना टीम इंडिया का मैच जीतना नामुमकिन था।
इसी वजह से वेस्टइंडीज ने भारतीय टीम को नौ गेंद शेष रहते आठ विकेट से करारी हार दी। इस जीत के साथ विंडीज ने पिछले मैच में मिली हार का हिसाब बराबर कर लिया। भारतीय टीम ने शिवम दुबे के टी-20 करियर के पहले अर्धशतक की बदौलत 20 ओवर में सात विकेट पर 170 रन का स्कोर बनाया। जवाब में विंडीज ने 18.3 ओवर में दो विकेट पर यह लक्ष्य हासिल कर लिया।
गेंदबाजी और फील्डिंग रही बेदम
वेस्टइंडीज की टीम ने जहां पावरपले में भारतीय टीम का एक विकेट निकाला, सात से 15 ओवर के बीच तीन विकेट निकाले और आखिरी चार ओवरों में तीन विकेट निकाले, लेकिन भारतीय गेंदबाज ऐसा करने में नाकाम रहे। पावरप्ले में एक भी विकेट नहीं, सात से 15 ओवर तक दो और आखिरी ओवर में एक भी विकेट नहीं लेना भारतीय टीम की हार की कहानी बयां कर देती है।
यही वजह रही कि पिछले मैच में विफल रहने वाले लेंडल सिमंस (नाबाद 67) और इविन लुइस (40) पहले विकेट के लिए 73 रन की साझेदारी कर गए। इसके बाद अंत में निकोलस पूरन 18 गेंद में नाबाद 38 रन बनाकर विंडीज की टीम को मैच जिता गए। वहीं, भारतीय फील्डर्स ने एक ही ओवर में दो कैच छोड़े, जो भारतीय टीम की हार का कारण बन गए।
नहीं मिल सकी अच्छी शुरुआत
इससे पहले, सही मायनों में भारतीय टीम के लिए पिछले मैच की तुलना में इस बार एक चाल को छोड़कर कुछ भी अच्छा नहीं रहा। पहले भारतीय कप्तान कोहली टॉस नहीं जीत पाए और लक्ष्य पाने के मशहूर ग्राउंड पर पहले बल्लेबाजी के लिए विवश हो गए। इसके बावजूद भारतीय टीम को अपने उप कप्तान रोहित शर्मा से इस बार बड़ी पारी की उम्मीद थी, तो दूसरी ओर केएल राहुल पर पूरा भरोसा था। रोहित के बल्ले पर गेंद नहीं आ रही थी, वह शॉट खेलने के लिए जूझ रहे थे और लग रहा था कि वह कभी भी अपना विकेट गंवा देंगे। तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे टीम मुश्किल में आ गई। पिछले मैच में 62 रन की पारी खेलने वाले राहुल, खारे पियरे की गेंद पर हेटमायर को कैच थमाकर चले गए। राहुल 11 गेंद में सिर्फ 11 ही रन बना सके।
विराट की कुर्बानी
पिछले मैच में अकेले दम पर भारतीय टीम को जीत दिलाने वाले विराट ने अपने पसंदीदा स्थान को इस बार अपने युवा खिलाड़ी शिवम के लिए कुर्बान कर दिया। युवा बल्लेबाज शिवम शुरुआत में जूझते नजर आए। नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े रोहित, शिवम को क्या आत्मविश्वास देते, वह खुद ही अपनी लय के लिए तरस रहे थे। दोनों ही बल्लेबाजों ने किसी तरह से स्कोर को आगे बढ़ाना शुरू किया। रन बनाने के दबाव में रोहित एक गलत शॉट का चयन कर बैठे और जेसन होल्डर ने उन्हें बोल्ड कर दिया। रोहित भी 18 गेंद में सिर्फ 15 रन ही बना सके।
एक चाल ने पलट दिया पासा
शुरुआत में जूझ रहे शिवम का खेलने का अंदाज विराट के आते ही बदल गया। विराट ने उन्हें खुलकर खेलने की छूट दी। होल्डर पर पहला छक्का लगाने के बाद विराट ने शिवम को ऐसा ही खेलते रहने की अनुमति दी। इसके बाद तो जैसे एक नया शिवम क्रीज पर था। उन्होंने कीरोन पोलार्ड के एक ही ओवर में तीन छक्के जड़ दिए। शिवम का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर था।
शिवम ने जिस तरह से दो छक्के मिड ऑन और एक छक्का कवर के ऊपर से मारा, उनमें पुराने युवराज सिंह की झलक देखने को मिल रही थी। इस बीच शिवम ने मात्र 27 गेंद में अपने करियर का पहला अर्धशतक पूरा किया। शिवम की फॉर्म को देखते हुए विराट ने कमान पूरी तरह से उनके हाथों में दे दी। हालांकि शिवम हेडन वाल्श जूनियर की गेंद पर छक्का लगाने के प्रयास में मिस टाइम कर कैच थमा गए। शिवम ने 30 गेंद में तीन चौके और चार छक्कों की मदद से 54 रन बनाए और पूरी तरह से भारतीय पारी का पासा पलट कर रख दिया।
विराट चूके, अय्यर फेल
शिवम जब पवेलियन लौटे तो विराट से एक बार फिर पिछले मैच की तरह पारी खेलने की उम्मीद थी। ऐसा था भी, क्योंकि वह बेहद ही अच्छी लय में दिख रहे थे। किसी तरह से विराट ने जितनी गेंद खेली उतने ही रन बनाए, लेकिन जब अपना गियर बदलने का मौका था, तो वह तेज गेंदबाज केसरिक विलियम्स की गेंद पर मिस टाइम कर शॉर्ट थर्डमैन पर खड़े लेंडल सिंमस को कैच थमा गए। विराट ने 17 गेंद में 19 रन बनाए। इसके बाद बांग्लादेश सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने वाले श्रेयस अय्यर इस बार भी खास नहीं कर सके और मात्र 10 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।