07 सितम्बर। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पांचवा और आखिरी मैच आज खेला जायेगा जिसमे भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक के विदाई टेस्ट में जीत दर्ज करने के इरादे से उतरेगी. जबकि इंग्लॅण्ड टीम भी एलिस्टेयर कुक टेस्ट जीत कर विदा करना चाहती है।
इंग्लैंड ने पांच मैचों की सीरीज में 3 -1 की अजेय बढ़त बना ली है, जिसके कारण ओवल में होने वाला मैच महज औपचारिक बन गया है, लेकिन विराट कोहली की टीम सीरीज का सकारात्मक अंत करना चाहेगी. और भारत के लिए 2-3 का नतीजा 1-4 से कहीं बेहतर होगा की टीम टेस्ट जीत के लिए बेताब है. मुख्य कोच रवि शास्त्री ने यह कहकर टीम का मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया है कि यह पिछले 15 साल में विदेशी दौरों पर जाने वाली यह सर्वश्रेष्ठ टीम है. हालांकि तथ्य इसे साबित नहीं करते.
आंकड़े जो इस तरह है-
आंकड़े देखें तो सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड (2002) और ऑस्ट्रेलिया (2003-04) में सीरीज ड्रॉ करवाई और वेस्टइंडीज में टीम टेस्ट मैच और पाकिस्तान में सीरीज जीतने में सफल रही.
राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में भारत ने वेस्टइंडीज में 2006 और इंग्लैंड में 2007 में सीरीज जीती और दक्षिण अफ्रीका में भी टीम एक टेस्ट जीतने में सफल रही.
अनिल कुंबले की अगुवाई में भारत ने पर्थ के उछाल भरे विकेट पर पहली बार टेस्ट जीता, जबकि महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने न्यूजीलैंड में सीरीज जीती और पहली बार दक्षिण अफ्रीका में सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रही.
दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में लगातार दो सीरीज गंवाने के बाद विदेशी दौरे पर अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम का मिथक टूट गया है और टीम इंडिया यह साबित करने में नाकाम रही है कि वह उपमहाद्वीप के बाहर सीरीज जीतने में सक्षम है.
कोहली की टीम हालांकि 2018 में दोनों विदेशी सीरीज गंवाने के बावजूद अब तक अपनी शीर्ष टेस्ट रैंकिंग बचाने में सफल रही है. टीम का संयोजन एक बार फिर चर्चा का विषय है. टीम इंडिया सर्वश्रेष्ठ 11 खिलाड़ियों के साथ उतरना चाहेगी, लेकिन प्रयोग की संभावना भी बनी हुई है.