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Monday, June 2, 2025

तेजस्विन एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में डेकाथेलॉन में दो पदक जीतने वाले बने पहले भारतीय

दक्षिण कोरिया: तेजस्विन शंकर एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में डेकाथेलॉन में दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। डेकाथेलॉन में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक तेजस्विन ने बुधवार को दक्षिण कोरिया के गुमी में 7618 अंकों के साथ रजत पदक जीता। उन्होंने 2023 सत्र में कांस्य पदक जीता था।हालांकि, उन्हें स्वर्ण पदक से चूकने का कोई अफसोस नहीं है क्योंकि वह देश के लिए पोडियम पर जगह बनाने में सफल रहे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तेजस्विन ने कहा, ‘स्वर्ण और रजत के बीच का अंतर 16.3 सेकेंड है और यह रजत तथा कांस्य के बीच का अंतर भी है। मुझे लगता है कि यह पदक जीतने की कोशिश करने के बारे में अधिक है। यह निश्चित रूप से इस बारे में कम है कि क्या किया जा सकता था, क्या किया जाना चाहिए था।’ अब तक इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में तीन भारतीयों- विजय सिंह चौहान (1973), सुरेश बाबू (1975) और सबील अली (1981) ने डेकाथेलॉन में स्वर्ण पदक जीते हैं।

अधिकांश समय अमेरिका में रहने वाले तेजस्विन ने 10 स्पर्धा की प्रतियोगिता में दो व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किए। उन्होंने गोला फेंक में 13.79 मीटर और 110 मीटर बाधा दौड़ में 14.58 सेकेंड के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तेजस्विन ने कहा, ‘पहले दिन शुरुआती दो स्पर्धाओं में मैं मुश्किल में था। मैं संघर्ष कर रहा था और फिर गोला फेंक में मेरे पहले दो थ्रो भी खराब थे लेकिन फिर किसी तरह मैं तीसरे थ्रो में अपनी सारी हिम्मत जुटा पाया।’ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘मैंने बस कोशिश की और सौभाग्य से, आप जानते हैं कि मैं आगे निकल गया और मैंने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी और फिर चीजें बदल गईं।’ चीजों का बदलने वाला यह पल सिर्फ अच्छे थ्रो से ही नहीं बल्कि वार्म-अप के दौरान खेल भावना और धैर्य के एक पल से आया।

रूपल चौधरी, संतोष कुमार, विशाल टीके और सुभा वेंकटेशन की भारत की चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम ने तीन मिनट 18.12 सेकेंड का समय निकालकर अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखा और भारतीय एथलेटिक्स संघ के पूर्व अध्यक्ष तथा वर्तमान प्रवक्ता आदिल सुमारिवाला ने कहा कि यह प्रदर्शन दर्शाता है कि भारत में पर्याप्त प्रतिभा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से पुनर्गठित टीम नहीं है। रूपल और सुभा पिछली टीम में थे। संतोष रिजर्व में थे। इसलिए यह नए और पुराने का मिश्रण है। हमें भविष्य की ओर देखने की जरूरत है, हमें अतीत को भूलकर आगे बढ़ने की जरूरत है।’ विश्व एथलेटिक्स के उपाध्यक्ष सुमारिवाला ने कहा, ‘इस टीम ने दिखाया है कि हमारे पास अच्छा रिजर्व पूल है, हम मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।’

भारत की चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना खिताब बरकरार रखा। रूपल चौधरी, संतोष कुमार, विशाल टीके और सुभा वेंकटेशन की भारतीय चौकड़ी ने तीन मिनट 18.12 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। रूपल ने बुधवार को ही व्यक्तिगत महिला 400 मीटर स्पर्धा में रजत पदक भी जीता। सुभा 2023 में स्वर्ण पदक जीतने वाली मिश्रित टीम का भी हिस्सा थी। चीन की टीम तीन मिनट 20.52 सेकेंड का समय लेकर दूसरे स्थान पर रही, जबकि श्रीलंका ने तीन मिनट 21.95 सेकेंड के समय से कांस्य पदक जीता। प्रवीण चित्रावेल ने पुरुष त्रिकूद में 16.90 मीटर के प्रयास से रजत पदक जीता। इससे पहले रूपल चौधरी (400 मीटर) और पूजा (1500 मीटर) ने रजत पदक जीते जबकि यूनुस शाह ने पुरुष 1500 मीटर में कांस्य पदक अपने नाम किया। मिश्रित रिले टीम का स्वर्ण प्रतियोगिता में भारत का दूसरा सोने का तमगा है। इससे पहले मंगलवार को गुलवीर सिंह (10,000 मीटर) ने भी स्वर्ण पदक जीता था।

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