नई दिल्ली: टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल ने आखिरकार अपने करियर को अलविदा कह दिया। इस दिग्गज खिलाड़ी ने गुरुवार को इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करके फैंस से यह जानकारी साझा की। राफेल नडाल ने वीडियो में बताया कि उन्होंने बहुत सोचकर यह फैसला किया है। उनके करियर का आखिरी मैच डेविस कप का फाइनल होगा। यह वही टूर्नामेंट है जहां से उन्होंने अपने करियर की सफलता का दौर 2004 में शुरुआत हुआ था।। राफेल नडाल ने वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने बताया कि बीते दो साल उनके लिए बहुत मुश्किल रहे हैं। वह अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाए और इसी कारण यह मुश्किल फैसला ले रहे हैं। नडाल ने पोस्ट के कैप्शन में 12 भाषाओं में सभी को धन्यवाद कहा।
परिवार और विरोधियों को दिया धन्यवाद
उन्होंने करियर में साथ देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने विरोधियों को भी धन्यवाद दिया जिनके साथ उन्होंने करियर का लंबा समय बिताया। नडाल ने रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच के साथ बिताए पलों का वीडियो शेयर किया। उन्होंने अपनी मां को धन्यवाद कह। नडाल ने कहा कि मां के त्याग के कारण वह यहां तक पहुंच पाए हैं। साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी मैरी को भी शुक्रिया कहा जो कि 19 साल से उनके साथ है। नडाल के मुताबिक उनके अंकल ने करियर में अहम भूमिका निभाई जिनके कारण उन्होंने टेनिस खेलना शुरू किया था।
राफेल नडाल के खिताब
राफेल नडाल ने अपने करियर में 22 ग्रैंड स्लैम जीते हैं। इसमें 12 फ्रेंच ओपन, दो ऑस्ट्रेलियाई ओपन, दो विंबलडन और चार बार यूएस ओपन खिताब शामिल है। उन्होंने ओलंपिक में भी दो बार गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में सिंगल्स वर्ग में गोल्ड जीता वहीं 2016 में रियो ओलंपिक में डबल्स में गोल्ड अपने नाम किया। सिर्फ यही नहीं नडाल साल 2004, 2009, 2011 और 2019 में डेविस कप जीतने वाली स्पेनिश टीम का भी हिस्सा रहे। राफेल नडाल दुनिया के उन चुनिंदा तीन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने गोल्डन स्लैम (कोई खिलाड़ी जब एक कैलेंडर इयर के चार ग्रैंड स्लैम और उसी साल ओलंपिक गोल्ड जीते) जीता है। उन्होंने 92 एटीपी सिंगल्स टाइटल्स जीते हैं जिसमें से 63 उन्होंने क्ले कोर्ट पर जीते। साल 2008 में वह रोजर फेडरर को विंबलडन फाइनल हराकर पहली बार वर्ल्ड नंबर वन बने।