नई दिल्ली: भारतीय खिलाड़ियों को पेरिस ओलंपिक में वह सफलता हासिल नहीं हुई जिसकी उनसे उम्मीद की गई थी। कई दावेदार मेडल हासिल नहीं कर सके। इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सरकार ने अपनी स्कीम में भी बदलाव का फैसला किया है। खिलाड़ियों की हर डिमांड को नहीं माना जाएगा। इसके लिए बनाए गए नियम सख्त किए जाएंगे।
TOPS में होगा बदलाव
भारतीय सरकार की TOPS (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के तहत खिलाड़ियों को आर्थिक तौर पर पूरा सहयोग मिलता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पेरिस ओलंपिक के बाद अब खिलाड़ियों के लिए इस लिस्ट का हिस्सा बनना आसान नहीं होगा। इस स्कीम में शामिल होने के लिए तय किए गए मानकों का स्तर बढ़ाया जाएगा। मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) की बैठक में इस बारे में चर्चा की गई और फैसला लिया गया कि अब स्कीम में शामिल खिलाड़ियों की संख्या कम की जाएगी। टोक्यो ओलंपिक और पेरिस ओलंपिक के बीच टॉप्स के तहत 72 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह पैसा ट्रेनिंग प्लान, जूते, सनग्लास, स्पीड कैमरा, कपड़े, खाना औऱ फूड सप्लीमेंट पर खर्च किया गया था। भारतीय खिलाड़ी पेरिस से सिर्फ छह मेडल लेकर लौटे जिसमें एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज शामिल थे जबकि उम्मीद की जा रही थी कि इस बार संख्या दहाई का आंकड़ा छू लेगी।
आधी हो जाएगी खिलाड़ियों की संख्या
इस समय 300 ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें इस स्कीम के कारण मदद मिलती है। एमओसी अब इस संख्या को आधा करने वाला है। फंडिंग की कमी को लेकर बात नहीं हुई। खिलाड़ियों को अब इस स्कीम में सिर्फ तब हिस्सा बनाया जाएगा जब वह मेडल के लिए चैलेंज दे पाएंगे। हालांकि कमेटी में शामिल कई पूर्व खिलाड़ी इससे सहमत नहीं है। उनका मानना है कि ऐसा होने पर कई खिलाड़ी बाहर हो जाएंगे।
खिलाड़ियों ने अब तक नहीं दिया खर्चे का ब्यौरा
2028 ओलंपिक साइकिल के लिए जिन खिलाड़ियों को स्कीम में शामिल किया जाएगा उनकी मेडल के लिए जवाबदेही भी होगी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक कई खिलाड़ियों ने अब तक अपने पुराने बिल नहीं दिए हैं जिसके कारण अब तक 10 करोड़ रुपए सेटल नहीं हो पाए हैं। रिटायर हो चुके खिलाड़ियों ने भी अपनी एक्सपेंस शीट नहीं दी है। सूत्र ने कहा, ‘कई एथलीट्स ने रिटायर होने के बाद भी एक्सपेंस शीट नहीं दी है। हमें उनकी नियत पर शक नहीं है लेकिन जो पैसा दिया गया है उसे लेकर अकाउंट सेटल होना भी जरूरी है।’
एशियन गेम्स के लिए अलग स्कीम
कुछ समय पहले यह चर्चा भी की गई थी कि एशियन गेम्स के लिए अलग से पोडियम स्कीम तैयार की जाए। इसमें वह खिलाड़ी होंगे जो कि एशियन गेम्स में तो मेडल के दावेदार होंगे लेकिन ओलंपिक के लिए दावेदार नहीं है। पेरिस ओलंपिक के बाद अब एक बार फिर से इस स्कीम पर चर्चा शुरू हो गई है।