नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि टेस्ट प्रारूप में भारतीय टीम को अपराजेय बनाने के लिए इस टीम में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को जरूर शामिल किया जाना चाहिए। गावस्कर का मानना है कि हार्दिक पांड्या की अगर टेस्ट टीम में वापसी होती है तो भारत वो भारत को पहला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब दिलाने और इस साल नवंबर मे होने वाले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। हार्दिक पांड्या ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और वो पिछले 6 साल से टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं। हार्दिक पांड्या वनडे और टी20आई में भारत के लिए मैच विजेता के रूप में उभरे हैं और हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप 2024 में उन्होंने 11 विकेट लिए और 144 रन भी बनाए।
हार्दिक भारतीय वनडे और टी20 टीम के रेगुलर सदस्य हैं, लेकिन टेस्ट प्रारूप में उनके लिए वापसी कर पाना आसान तो नहीं दिखता है। भारत को अक्टूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में हिस्सा लेना है और फिर नवंबर के अंत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलना है। गावस्कर को यकीन है कि उन अहम टेस्ट सीरीज में हार्दिक की ऑलराउंडर वाली क्षमता भारत के लिए गेम चेंजर का काम कर सकती है। गावस्कर ने रेवस्पोर्ट्ज से बात करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगले दो महीनों में हार्दिक पांड्या को टेस्ट क्रिकेट में वापस लाने में के लिए मनाने की कुछ कोशिश जरूर की जाएगी। अगर वो नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी शुरू करते हैं और दिन में सिर्फ 10 ओवर भी गेंदबाजी करते हैं तो भारतीय टीम किसी भी देश में किसी भी सतह पर लगभग अजेय हो जाएगी।
सुनील गावस्कर ने हार्दिक पांड्या पर अपना ये भरोसा उनकी बहुमुखी प्रतिभा और हालिया फॉर्म को देखते हुए जताया है। हार्दिक ने अपने करियर में सिर्फ 11 टेस्ट मैच खेले हैं और उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है जिससे साफ पता चलता है कि वो टीम में तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की भूमिका निभा सकते हैं। हार्दिक ने भारत के लिए 11 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 523 रन बनाए और 17 विकेट लिए। चोट और कार्यभार प्रबंधन कठिनाइयों के कारण बाहर होने से पहले उन्होंने आखिरी बार 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए टेस्ट खेला था। हार्दिक ने घोषणा की थी कि वह भारत के लिए टेस्ट खेलने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उनका शरीर तीनों प्रारूपों में खेलने की मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं है।