लाहौर
चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका आमने-सामने होंगी। वैसे तो न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के पास टैलेंट की कमी नहीं है। लेकिन दोनों ही टीमें आईसीसी टूर्नामेंट्स में लगभग एक जैसे हालात से गुजरती रही हैं। दोनों टीमें बड़े टूर्नामेंट्स में उस स्तर की सफलता नहीं पा सकी हैं, जैसे उनके पास खिलाड़ी हैं। ऐसे में लाहौर में होने वाले इस मुकाबले में दोनों टीमों की उम्मीदें काफी ज्यादा होंगी। दोनों टीमें चाहेंगी कि आईसीसी टूर्नामेंट्स में अपना वर्चस्व कायम करें।
कागजों पर ताकत बराबर
कागजों पर दोनों टीमें बराबरी की दिख रही है। दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड ने क्रमश: 1998 और 2000 में एक-एक बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती है। लेकिन उस समय इस टूर्नामेंट को आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी कहा जाता था। तब इसका वह महत्व नहीं था जो अब है। दक्षिण अफ्रीका जहां बड़े टूर्नामेंट के चोकर्स (मुख्य मुकाबलों में हार का सामना करने वाली टीम) के अपने तमगे को हटाना चाहेगा। वहीं, न्यूजीलैंड की टीम भी खिताब पर अपना कब्जा जमाने के लिए बेताब होगी। न्यूजीलैंड वनडे विश्व कप (2015 और 2019) में दो बार और टी20 विश्व कप (2021) में एक फाइनल में पहुंचने के बाद खिताब जीतने से चूक गया।
बॉलिंग में साउथ अफ्रीका आगे
मिचेल सैंटनर की अगुआई में न्यूजीलैंड ग्रुप ए में भारत से बाद दूसरे पर रहा, जबकि दक्षिण अफ्रीका ग्रुप बी में ऑस्ट्रेलिया से आगे शीर्ष पर रहा। दोनों टीमों के बीच कोई ज्यादा अंतर नहीं है और ज्यादातर विभागों में बराबरी की स्थिति में हैं। गेंदबाजी में विविधता के कारण दक्षिण अफ्रीका के पास हालांकि मामूली बढ़त दिख रही हैं। दोनों टीमों के बल्लेबाजी क्रम में पर्याप्त ताकत है और उनके पास बेहतरीन क्षेत्ररक्षक भी हैं। मैच का परिणाम में स्पिनरों की भूमिका अहम रहने अनुमान है। गद्दाफी स्टेडियम की पिच थोड़ी धीमी हैं, लेकिन दुबई की तुलना में वे उतनी स्पिन नहीं करती हैं । ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों टीमों के स्पिनर कैसा प्रदर्शन करते हैं।
लाथम बोले-लाहौर का अनुभव काम आएगा
अपने आखिरी ग्रुप मैच में भारत से 44 रन से हारने के बावजूद, न्यूजीलैंड पिछले महीने यहां त्रिकोणीय श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका पर अपनी जीत से आत्मविश्वास हासिल करेगा। न्यूजीलैंड ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 305 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया और फिर फाइनल में पाकिस्तान को हराकर त्रिकोणीय श्रृंखला को अपने नाम किया था। अनुभवी बल्लेबाज टॉम लाथम को लगता है कि ये अनुभव उनके लिए फायदेमंद साबित होंगे। उन्होंने कहाकि हां, जिस दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ हमने खेला था वह थोड़ी अलग थी। उस टीम में बहुत से ऐसे खिलाड़ी थे जो इस टीम में नहीं थे। उनके कुछ मुख्य खिलाड़ी तब एसएटी20 में खेल रहे थे, इसलिए यह थोड़ा अलग होगा। उन्होंने कहाकि मुझे हालांकि लगता है कि हमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने में लाहौर के उस अनुभव का फायदा मिलेगा।
फॉर्म में हैं विलियमसन
लाथम 187 रन के साथ टूर्नामेंट में अब तक न्यूजीलैंड के सबसे सफल बल्लेबाज रहे है। केन विलियमसन भी भारत के खिलाफ 81 रन की पारी खेल कर लय में वापसी करने में सफल रहे। गेंदबाजी में मैट हेनरी ने भारत के खिलाफ धीमी पिच पर भी कमाल दिखाया और वह आठ विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्हें विल ओ’राउरकी (छह विकेट) का भी अच्छा साथ मिला है। कप्तान मिचेल सैंटनर, माइकल ब्रेसवेल, रचिन रवींद्र, ग्लेन फिलिप्स और मार्क चैपमैन के रूप में न्यूजीलैंड के पास अच्छा स्पिन आक्रमण है।
दक्षिण अफ्रीका भी दिखा रही दम
दक्षिण अफ्रीका भी शानदार फॉर्म में है। प्रोटियाज ने टूर्नामेंट में अपनी सबसे बेहतरीन टीमों में से एक को मैदान में उतारा है। शतकीय पारी खेलने वाले रयान रिकेल्टन शानदार फॉर्म में हैं, जबकि तेम्बा बावुमा, रासी वैन डेर डुसेन और एडेन मारक्रम जैसे खिलाड़ियों ने भी बल्ले से योगदान दिया है। वियान मुल्डर, कैगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी, मार्को यानसेन, केशव महाराज और तबरेज शम्सी जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी से दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी भी प्रभावशाली दिखती है।
टीमें: न्यूजीलैंड: मिचेल सैंटनर (कप्तान), माइकल ब्रेसवेल, मार्क चैपमैन, डेवोन कॉनवे, लॉकी फर्ग्यूसन, मैट हेनरी, टॉम लाथम, डेरिल मिशेल, विल ओ'रउरकी, ग्लेन फिलिप्स, रचिन रवींद्र, नाथन स्मिथ, केन विलियमसन, विल यंग, जैकब डफी।
दक्षिण अफ्रीका: टेम्बा बावुमा (कप्तान), टोनी डी जोरजी, मार्को यानसेन, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, एडेन मारक्रम, डेविड मिलर, वियान मुल्डर, लुंगी एनगिडी, कैगिसो रबाडा, रेयान रिकेलटन, तबरेज शम्सी, ट्रिस्टन स्टब्स, रासी वैन डेर डुसेन, कॉर्बिन बॉश।