नई दिल्ली: भारतीय महिला टीम ने लगातार दूसरी बार अंडर19 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई है। सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को मात दी और अपनी जगह पक्की की। निकी प्रसाद की कप्तानी वाली भारतीय टीम अब तक टूर्नामेंट में अजेय है। पहले मैच में मेजबान मलेशिया को दस विकेट से हराने के बाद भारत ने श्रीलंका को 60 रन से और बांग्लादेश को आठ विकेट से हराया।
खिताब के लिए उसका सामना साउथ अफ्रीका से
वहीं सुपर सिक्स चरण में स्कॉटलैंड को 150 रन से मात दी। भारत ने सेमीफाइनल में भी यही क्रम जारी रखा। खिताब के लिए उसका सामना साउथ अफ्रीका से होगा जिसने अन्य सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात दी।
इंग्लैंड की टीम ने बनाए थे 113 रन
इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 113 रन बनाए। भारतीय टीम ने यह लक्ष्य 15 ओवर में ही हासिल कर लिया। भारतीय टीम लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंची है। साल 2023 में पहली बार हुए इस टूर्नामेंट के फाइनल में भी भारत ने इंग्लैंड को ही हराकर खिताब अपने नाम किया था।
जी कामलिनी ने लगाया अर्धशतक
भारतीय टीम को जीत के लिए 114 रनों का लक्ष्य मिला था। जी कमालिनी और जी तृषा ओपनिंग करने उतरी। दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी हुई। तृषा 29 गेंदों में 35 रन बनाकर आउट हुई। उन्होंने अपनी पारी में पांच चौके लगाए। भारत ने इसके बाद कोई विकेट नहीं खोया। कामलिनी और सानिका चलके ने टीम को 15 ओवर में ही जीत तक पहुंचा दिया। कामलिनी ने 50 गेंदों में 56 रन बनाए। उनकी पारी में 8 चौके शामिल थे। वहीं सानिका ने 12 गेंदों में 11 रन बनाए। उनकी पारी में एक ही चौका लगा। ट्रूडी जॉनसन (00) स्वीप खेलने वाली पहली खिलाड़ी थीं जो पारुनिका की गेंद पर बोल्ड हुईं।
डेविना पेरिन और नोरग्रोवने तीसरे विकेट के लिए 44 रन की साझेदारी की जिससे इंग्लैंड ने 10 ओवर में दो विकेट पर 73 रन बनाए। इंग्लैंड की बल्लेबाजों ने अंतिम 10 ओवरों में लगातार स्वीप शॉट खेलकर विकेट गंवाए और इस दौरान टीम केवल 40 रन ही बना सकी और उसने छह विकेट खो दिए। नोरग्रोव, पेरिन, चार्लोट स्टब्स (04) और कैटी जोन्स (00) ने खराब शॉट खेलकर विकेट गंवाए। इंग्लैंड ने 16वें ओवर में तीन विकेट खोए और पूरी पारी लड़खड़ा गई। स्टब्स के अलावा प्रिशा थानावाला और चार्लोट लैम्बर्ट ने तीन गेंद के अंतराल में आउट हो गए जिससे इंग्लैंड का स्कोर आठ विकेट पर 92 रन हो गया। आखिरी चार ओवरों में निचले क्रम की बल्लेबाजों ने टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई लेकिन ये रन नाकाफी थे।