नई दिल्ली: युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने एशियाई खेलों के कार्यक्रम में योग को शामिल करने की भारतीय ओलंपिक संघ (आई ओए) की अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा की पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इसकी व्यापक लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए यह उचित ही है कि योग एक प्रतिस्पर्धी खेल बन जाए और इसे एशियाई खेलों में शामिल किया जाए।
“भारतीय ओलंपिक संघ” के अध्यक्ष ने 26 जून को एशियाई खेलों में योग को खेल के रूप में शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) के अध्यक्ष राजा रणधीर सिंह को पत्र लिखा।
उन्होंने कहा कि “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है कि 21 जून को हर साल अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाए। मन और शरीर को एक साथ जोड़ने वाले इस खेल की टुनिया भर में लोकप्रियता बढ़ी है और यह अपने खुद के कोड ऑफ पॉइंट्स और अलग.अलग इवेंट्स के साथ एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में विद्यमान है।”
“योग को लोकप्रिय बनाने में भारत सबसे आगे रहा है और हमने इसे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल करके एक प्रतिस्रधी खेल के रूप में इसकी शुरुआत की और इसमें बड़ी सफलता मिली। उन्होंने कहा, “यह जानकर खुशी हो रही है कि योग करने वालों की बढ़ती संख्या से राष्ट्रीय खेलों के आयोजक इसे अपने कार्यक्रम में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित हुए है।
“भारत सरकार ने अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से योग को स्वस्थ जीवन जीने की कला और विज्ञान के साथ – साथ एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में भी बढ़ावा दिया है। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने भारत में एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में योगासन के प्रचार और विकास के लिए योगासन भारत को मान्यता प्रदान की है। इसके अतिरिक्त, 2020 से खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया यूनिवर्सिंटी गेम्स के पिछले कई संस्करणों में योगासन को एक प्रतिस्पर्धी खेलविधा के रूप में जोड़ा गया है।
यह भी पता चला है कि विश्व योगासन द्वारा मान्यता प्राप्त निकाय एशियाई योगासन ने पहले ही संबद्धता के लिए एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) को लिखा है ताकि योगासन को पूरे महाद्वीप में एक प्रतिस्पर्धी खेलविधा के रूप में विकसित किया जा सके।