कमेंटेटर आकाश चोपड़ा के यूट्यूब चैनल ‘आकाशवाणी’ पर वसीम जाफर ने कहा, ”मुझे लगता है कि वह एक स्पेशल प्लेयर हैं, बिना किसी संदेह के। जो शॉट वह मारते हैं, यदि वह सही जा रहा है तो मुझे लगता है कि उनमें वीरेंद्र सहवाग वाली काबिलियत है। वह बॉलिंग अटैक को पूरी तरह से ध्वस्त कर सकते हैं।”पृथ्वी शॉ की क्षमता के बारे में कोई संदेह नहीं है। सिर्फ 19 साल की उम्र में लोग उनकी तुलना महान सचिन तेंदुलकर से क्यों करने लगेंगे? शॉ एक गिफ्टिड क्रिकेटर हैं। आने वाले सालों में भारत के लिए एक बड़ा खिलाड़ी बनने के लिए सभी आवश्यक गुण उनमें हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने कुछ पहलुओं को ठीक करने की जरूरत है। ऐसा मानना है भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर वसीम जाफर का।
अक्टूबर 2018 में, राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ 134 रन बनाने के बाद पृथ्वी शॉ पदार्पण पर टेस्ट शतक बनाने वाले 15 वें भारतीय बल्लेबाज बन गए थे। वसीम जाफर ने कहा, वह फ्लेयर जिसके साथ वह शॉट खेलता है, वह मुझे भारत के और विस्फोटक ओपनर की याद दिलाता है। वीरेंद्र सहवाग, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग बल्लेबाजी की परिभाषा को दोबारा गढ़ा। पृथ्वी की तारीफ करते हुए वसीम जाफन ने उन पहलुओं पर रोशनी डाली, जहां इस युवा खिलाड़ी को सुधार करने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा, ”लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि उन्हें अपने खेल को बेहतर तरीके से समझने की जरूरत है, जहां उन्हें बैकसीट पर जाने की जरूरत है। मुझे लगता है कि उन्हें न्यूजीलैंड में थोड़ा पता चला होगा। वह शॉर्ट डिलिवरी पर दो बार आउट हुए। वह कीवी गेंदबाजों के जाल में फंस गए।”
भारत के 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक अभ्यास मैच के दौरान उनके टखने में चोट लग गई थी, जिसके बाद उन्हें इस दौरे से हटना पड़ा था। इसके कुछ वक्त बात पृथ्वी शॉ गलत वजहों से खबरों में थे। उनकी अनुशासनहीनता की खबरें मीडिया में आ रही थीं। हद तो यह थी कि बीसीसीआई ने सचिन तेंदुलकर को पृथ्वी शॉ के साथ मिलने और युवा को अनुशासन का महत्व समझाने का आग्रह किया था।
डोपिंग टेस्ट में फेल होने और बैन के बाद पृथ्वी शॉ ने न्यूजीलैंड दौरे पर भारतीय टीम में वापसी की। उन्होंने क्राइस्टचर्च में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में अर्धशतक जड़ा, लेकिन कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए। जाफर को लगता है कि पृथ्वी शॉ को भारत के लिए एक बड़ा और अधिक सफल खिलाड़ी बनने के लिए खुद को नियंत्रित करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ”मुझे यह भी लगता है कि उन्हें ऑफ-फील्ड अपने जीवन में अधिक अनुशासित होने की जरूरत है। क्योंकि मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल होने के लिए उनके पास काबिलियत है, लेकिन उन्हें क्रिकेट के अधिक अनुशासित होने की जरूरत है।”