नई दिल्ली: पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच 3 मैच की सीरीज का दूसरा टेस्ट खेला जा रहा है। दूसरा टेस्ट मैच 24 अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ। पहले दिन न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया। चायकाल के समय न्यूजीलैंड का पहली पारी में स्कोर 5 विकेट पर 201 रन था। पांचवें विकेट के रूप में न्यूजीलैंड के टॉम ब्लंडेल पवेलियन लौटे। टॉम ब्लंडेल 12 गेंद में 3 रन ही बना पाए। उन्हें वाशिंगटन सुंदर ने बोल्ड किया। टॉम ब्लंडेल के पवेलियन लौटने के बाद न्यूजीलैंड के क्रुगर वान विक की चर्चा होने लगी।
क्रुगर वान विक की पहचान दुनिया के सबसे छोटे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर (4 फीट 9 इंच) के रूप में भी है। हालांकि, इस बार यह उनकी लंबाई नहीं बल्कि 12 साल पहले खत्म किये गए सूखे को लेकर था। दरअसल, 1990 से अब तक यानी पिछले 34 साल में सिर्फ एक बार ऐसा हुआ है, जब न्यूजीलैंड का कोई विकेटकीपर बल्लेबाज भारत में 50 या उससे ज्यादा रन का आंकड़ा पार कर पाया है।
क्रुगर वान विक ने 2012 यानी 12 साल पहले बेंगलुरु में भारत के खिलाफ मैच में 71 रन की पारी खेली थी। तब उन्होंने भारत में न्यूजीलैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज का 22 साल से चला आ रहा अर्धशतक का सूखा खत्म किया था। साल 2012 के बाद से अब तक न्यूजीलैंड का कोई भी विकेटकीपर भारत में 50 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाया है। टॉम ब्लंडेल भी इस सूखे को खत्म नहीं कर पाये। टॉम ब्लंडेल तो भारत में अब तक सिर्फ एक बार ही दहाई का आंकड़ा पार कर पाए हैं। उन्होंने भारत में अब तक 6 पारियों में क्रमशः 13, 2, 8, 0, 5, और 3 रन ही बनाये हैं।
साउथ अफ्रीका के हैं क्रुगर वान विक
यही वजह रही कि जब टॉम ब्लंडेल महज 3 रन पर बोल्ड होकर पवेलियन लौटे तो क्रुगर वान विक की चर्चा होने लगी। खास यह भी है कि जब पिछली बार न्यूजीलैंड के कप्तान ने भारत में टॉस जीता था, तो क्रुगर वान विक ही विकेटकीपर थे। क्रुगर वान विक मूल रूप से साउथ अफ्रीका के रहने वाले हैं। वह मार्क बाउचर की मौजूदगी के कारण साउथ अफ्रीकी टीम में जगह बनाने में असफल रहे थे। फिर उन्होंने न्यूजीलैंड जाने का फैसला किया और अंततः 2012 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ ही अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। दिसंबर 2015 में उन्होंने संन्यास ले लिया।