भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी से हटाने और अगले महीने शुरू होने वाले इंग्लैंड दौरे के लिए किसी नए कप्तान को चुनने का फैसला किया है। यह देखना अभी बाकी है कि रोहित विशेषज्ञ ओपनर बल्लेबाज के तौर पर इंग्लैंड जाते हैं या नहीं। इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड चयनकर्ताओं के फैसले का समर्थन करेगा। रोहित शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी से हटाने का फैसला ट्रांजिशन या उम्र के कारण नहीं लिया गया। यह कदम रोहित शर्मा के प्रदर्शन और लाल गेंद वाले क्रिकेट में उनके फॉर्म के आधार पर उठाया गया है। पता चला है कि 38 वर्षीय रोहित भारत की वनडे योजनाओं में बने रहेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस ने मार्च में बताया था कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में रोहित की सफलता के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड चाहता था कि इंग्लैंड दौरे पर रोहित ही कप्तान रहें। रोहित ने भी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क के पॉडकास्ट ‘बियॉन्ड 23’ में इंग्लैंड में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज के अनुपस्थिति में टीम की अगुआई करने को लेकर अपनी उत्सुकता के बारे में बात की थी। चयनकर्ताओं ने पिछले महीने भारतीय टेस्ट टीम में रोहित के भविष्य को लेकर कई चर्चाएं की थीं और बीसीसीआई के साथ अपना दृष्टिकोण साझा करने से पहले मंगलवार (6 मई) को मुंबई में भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। बीसीसीआई के एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ” चयनकर्ताओं की सोच स्पष्ट है। वे इंग्लैंड दौरे के लिए एक नया कप्तान चाहते हैं और रोहित कप्तान के रूप में फिट नहीं बैठते, खासकर लाल गेंद के फॉर्म को देखते हुए। चयनकर्ता अगले टेस्ट साइकल के लिए एक युवा कप्तान को तैयार करना चाहते हैं और चयन समिति ने बीसीसीआई को सूचित किया है कि रोहित टीम का नेतृत्व नहीं करेंगे।”
पता चला है कि फैसला लेने वाले नहीं चाहते कि भारतीय टीम की हालत ऑस्ट्रेलिया दौरे जैसी हो। रोहित ने उस सीरीज में संघर्ष किया था, पांच पारियों में उनका औसत सिर्फ 6.20 था और उन्होंने अंतिम टेस्ट के लिए खुद को बाहर भी कर लिया था। उससे पहले पिछले साल के अंत में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उन्होंने तीन टेस्ट में सिर्फ 15.16 का औसत बनाया था। लाल गेंद के रोहित शर्मा के फॉर्म को देखते हुए चयनकर्ता उन्हें कप्तान बनाने में हिचकिचा रहे हैं। एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर अगर उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जा सकता है, लेकिन अगर वह कप्तान हैं तो ऐसा करना जटिल हो जाता है। जानकारों का कहना है कि इसका टीम पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है, जैसा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर महसूस किया गया था।
रोहित पिछले साल अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण पर्थ में पहले टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया नहीं गए थे। यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने पारी की शुरुआत की थी। दूसरे टेस्ट में वापसी के बाद रोहित ने बल्लेबाजी क्रम में खुद को नीचे कर लिया। फिर मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए ओपनर बल्लेबाज के तौर पर खेले। फिर सिडनी में मैच से बाहर बैठ गए। 6 मई को हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा था कि रोहित के टीम में भविष्य को लेकर कोई भी फैसला चयनकर्ताओं द्वारा लिया जाएगा। एबीपी न्यूज के ‘इंडिया एट 2047’ समिट में गंभीर ने कहा, “सबसे पहली बात, कोच का काम टीम का चयन करना नहीं है। चयन करना चयनकर्ताओं का काम है। कोच केवल उन 11 खिलाड़ियों का चयन करता है जो मैच खेलेंगे। न तो मुझसे पहले कोचिंग करने वाले चयनकर्ता थे और न ही मैं चयनकर्ता हूं।”