नई दिल्ली। आइसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मुकाबला काफी ड्रामेटिक था। पहले तो मैच टाई हो गया था, जिसके बाद नतीजे के लिए सुपर ओवर का आयोजन हुआ, लेकिन सुपर ओवर भी टाई रहा था। ऐसे में नतीजा बाउंड्री काउंट के आधार पर निकला, जिसमें इंग्लैंड की जीत हुई, क्योंकि इंग्लैंड की टीम ने अपनी 50 ओवर की पारी के दौरान न्यूजीलैंड की टीम से ज्यादा चौके-छक्के लगाए थे। इसी के साथ विजेता भी मेजबान इंग्लैंड की टीम बनी।
मैच टाई होने के बाद सुपर ओवर में पहले इंग्लैंड ने बल्लेबाजी की थी, जिसमें 15 रन बनाए थे। ऐसे में 6 गेंदों में कीवी टीम को जीत के लिए 16 रन चाहिए थे। इस बीच न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन और कोच गैरी स्टीड ने मिलकर योजना बनाई थी कि किसे सुपर ओवर में बल्लेबाजी करने के लिए भेजना चाहिए। ऐसे में मार्टिन गप्टिल और जिम्मी नीशम को सुपर ओवर में 16 रन का टारगेट चेज करने के लिए भेजा गया, लेकिन ये दोनों खिलाड़ी 15 रन की जोड़ सके।
कीवी कप्तान केन विलियमसन ने लगभग एक साल के बाद इस बात का खुलासा किया है कि गप्टिल और नीशम को क्यों सुपर ओवर में बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया था। विलियमसन ने आर अश्विन के साथ बात करते हुए कहा है, “कोच गैरी स्टीड के साथ मेरी बहुत ही संक्षिप्त चर्चा हुई, मेरे दिमाग में कुछ लोग थे जो बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर जा सकते थे, क्योंकि हम सुपर ओवर में दूसरे स्थान पर बल्लेबाजी करने जा रहे थे, बल्लेबाजों को बाहर भेजने का निर्णय हम पर कितना निर्भर था, क्योंकि हम पीछा कर रहे थे और शायद गेंदबाज कौन होगा।”
कप्तान विलियमसन ने बताया, “यह अपने आप को सर्वश्रेष्ठ संभव अवसर देने के बारे में था, नीशम पूरे विश्व कप में गेंद को बहुत अच्छी तरह से मार रहे थे और हम सभी जानते हैं कि गप्टिल वास्तव में गेंद को पार्क के बाहर मारने में कितने सक्षम हैं, एक तरफ एक छोटी बाउंड्री थी। वे दोनों 22 गज के बीच में काफी तेज हैं इसलिए इससे भी मदद मिली।” उन्होंने बताया कि वे खुद नंबर 3 पर आने वाले थे, क्योंकि वे खुद गेंद को देखकर मार सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि गप्टिल आखिरी गेंद पर रन आउट हो गए थे और सुपर ओवर टाई हो गया था।