नई दिल्लीः महिला फीफा विश्वकप के दूसरे सेमीफइनल में इंग्लैंड ने मेजबान ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 75 हजार दर्शकों के बीच उसका खिताबी सपना तोड़ दिया। उसने 3-1 से जीत हासिल कर पहली बार के फाइनल में प्रवेश किया, जहां उसका मुकाबला रविवार को स्पेन के साथ होगा।इंग्लैंड अगर रविवार को स्पेन के खिलाफ होने वाले फाइनल को जीतता है तो यह 13 माह के अंदर उसका दूसरा बड़ा खिताब होगा। इससे पहले 2022 में उसने यूरोपियन चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था।
स्पेन ने मंगलवार को खेले गए सेमीफाइनल में स्वीडन को 2-1 से हराकर उसका विजेता बनने का सपना तोड़ दिया। स्वीडन पांचवीं बार विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंची थी, जबकि स्पेन का यह पहला सेमीफाइनल था। स्पेन और इंग्लैंड दोनों ने ही विश्वकप के फाइनल में पहली बार जगह बनाई है।
ऑस्ट्रेलिया की हार के साथ उसके समर्थक आंसुओं में डूब गए। मध्यांतर तक इंग्लैंड ने 1-0 की बढ़त बना रखी थी। इंग्लैंड की कोच सेरीना विगमैन को पिछले 37 मैचों में सिर्फ एक हार का सामना करना पड़ा था। यह हार उसे चार माह पहले ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली थी। ऐसे में माना जा रहा था कि ऑस्ट्रेलिया यहां भी कमाल दिखा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारी समर्थन के बावजूद 36वें मिनट में इंग्लैंड के लिए एला टूने ने गोल किया।
सैम केर ने दिलाई बराबरी
ऑस्ट्रेलिया का भरोसा अपनी सुपर स्टार फुटबॉलर सैम केर पर था। वह चोट से उबरने के बाद पहला मैच खेल रही थीं। सैम ने इस भरोसे को कायम रखा। 63वें मिनट में उन्हें अपने ही हाफ से गेंद मिली। इस पर उन्होंने जोरदार फर्राटा लगाकर दो से तीन रक्षकों को छकाते हुए बॉक्स के बाहर से जोरदार राइट फुटर जड़ा जो सीधे गोल में समा गया। ऑस्ट्रेलिया 1-1 की बराबरी हासिल कर ली थी। पूरा स्टेडियम खुशी से झूम रहा था, लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादातर तक कायम नहीं रह सकी। 71वें मिनट में लॉरेन हेंप ने और 86वें मिनट में एलिसिया रूसो ने गोल कर इंग्लैंड की जीत पक्की कर दी।