नई दिल्ली । इंग्लैंड ने भारत को नौ रनों से हराते हुए रविवार को आईसीसी महिला विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। इंग्लैंड ने भारत के सामने 229 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे भारतीय टीम हासिल नहीं कर पाई और 48.4 ओवरों में 219 रन पर अपने सभी विकेट गंवा बैठी। इस तरह उसके हाथ से पहली बार विश्व विजेता बनने दूसरा मौका चला गया। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए नताली स्काइवर के 51 रन और सारा टेलर के 45 रनों की मदद से निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट खोकर 228 रन बनाए थे। भारतीय महिला टीम एक समय तक इस लक्ष्य को हासिल करती दिख रही थी, लेकिन अंत में इंग्लैंड ने लगातार विकेट लेते हुए उसे ऐतिहासिक जीत से महरूम रखा और भारत के हाथ से जीता-जीताया मैच छीन लिया।
भारत के लिए सलामी बल्लेबाज पूनम राउत ने सार्वधिक 86 रन बनाए जबकि सेमीफाइनल में शताकीय पारी खेलने वाली हरमनप्रीत कौर ने 51 रनों का योगदान दिया। इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 95 रनों की साझेदारी की। अंत में वेदा कृष्णामूर्ति ने 35 रनों का पारी खेलते हुए टीम को जीत दिलाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाईं। इंग्लैंड की तरफ से अन्या श्रूबसोले ने छह विकेट लिए। एलेक्स हार्टले ने दो सफलताएं हासिल कीं।
आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया बेहद करीबी फाइनल मुकाबले में हार गई। इंग्लैंड ने भारत को 9 रन से हराकर विश्व चैंपियन का खिताब हासिल किया। इस मैच में मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट कप्तान मिताली राज ने कहा उन्हें यहां तक पहुंचने पर गर्व है। मिताली ने कहा कि इस विश्व कप में टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन करते हुए दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई, उससे भारत में महिला क्रिकेट की स्थिति बेहतर होगी और खिलाड़ियों को वाजिब तवज्जो मिलेगी।
मिताली राज ने कहा कि मुझे लड़कियों पर काफी गर्व है। किसी भी टीम के लिए उन्होंने मैच को आसान नहीं होने दिया। हमने टूर्नामेंट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। टीम के सभी यंगस्टर्स ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। वहीं भविष्य की योजनाओं पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं निश्चित रूप से कुछ साल और खेलूंगी, लेकिन मैं अपने आपको अगला विश्वकप खेलते हुए नहीं देखती हूं।’ मिताली ने मैदान में मौजूद समर्थकों का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां महिला क्रिकेट का समर्थन करने आए सभी प्रशंसकों को धन्यवाद देती हूं। यह सभी महिला क्रिकेटरों के हौसले के लिए बड़ी बात है। निश्चित रूप से यह अनुभव खिलाड़ियों की मदद करेगा। अब हमारे घरों में महिला क्रिकेट को लेकर अलग नजरिया है।’