नई दिल्ली। एमसी मेरीकॉम की अगुवाई में भारतीय टीम गुरुवार से आईजी स्टेडियम में शुरू होने वाली दसवीं एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगी. मेरीकॉम 2001 से शुरू हुई विश्व चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण और एक रजत के साथ कुल छह पदक अपने नाम कर चुकी हैं और अब उनकी निगाहें छठी बार विश्व चैंपियन बनने पर लगी हैं.
भारत 2006 में पहले भी इसकी मेजबानी कर चुका है, जिसमें देश के मुक्केबाजों ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. मेरीकॉम कह चुकी हैं, ‘मैं फिर से अपने देश में खेलने को लेकर रोमांचित हूं. मैं घरेलू दर्शकों के सामने स्वर्ण पदक जीतने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन करना चाहती हूं, यह अहसास अद्भुत होगा.’
एल सरिता देवी भी काफी अनुभवी हैं, जो 60 किग्रा में चुनौती पेश करेंगी. 2006 में यहां विश्व चैंपियनशिप के 52 किग्रा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था और दो कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं. वह एशियाई चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण और एक रजत जीत चुकी हैं.
इस प्रतियोगिता में 10 वजन वर्गों में 70 देशों के 300 से ज्यादा महिला मुक्केबाज भाग लेंगी. दस देश इसमें पदार्पण कर रहे हैं, जिसमें स्कॉटलैंड, माल्टा, बांग्लादेश, केमैन द्वीप, डीआर कोंगो, मोजाम्बिक, सिएरा लियोन और सोमालिया शामिल हैं.करीब 12 देश परिस्थितियों से सांमजस्य बिठाने के लिए एक हफ्ते पहले ही यहां आ गए थे. हालांकि इनमें से काफी मुक्केबाज राजधानी की प्रदूषित हवा से परेशान दिखीं, पर उन्होंने कहा कि प्रदूषण से बचने के लिए उन्होंने इंडोर ट्रेनिंग करना ठीक समझा.
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भारतीय टीम इस प्रकार है–
एमसी मेरीकॉम (48 किग्रा), पिंकी जांगड़ा (51 किग्रा), मनीषा मोन (54 किग्रा), सोनिया (57 किग्रा), एल सरिता देवी (60 किग्रा), सिमरनजीत कौर (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), स्वीटी बूरा (75 किग्रा), भाग्यवती काचरी (81 किग्रा) और सीमा पूनिया (81 किग्रा से अधिक).