नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर योगराज सिंह ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की 1-3 से हार के बाद गौतम गंभीर के नेतृत्व वाली भारतीय टीम प्रबंधन पर गंभीर टिप्पणी की। भारत की हार के बाद योगराज सिंह ने कहा कि यहां पर गंभीर को कोच की जगह मैन-मैनेजर की भूमिका निभाई चाहिए थी।
गंभीर को देनी चाहिए थी नसीहत
योगराज सिंह ने विराट कोहली के आउट होने के बारे में बात करते हुए कहा कि वो इस टेस्ट सीरीज में 8 बार बाहर जाती हुई गेंद को छेड़ते हुए आउट हुए थे। उन्होंने कहा कि ये गौतम गंभीर की जिम्मेदारी थी कि वो जाकर कोहली कहते कि ऑफ स्टंप से बाहर की गेंदों को कवर्स की तरफ ना खेलें। युवराज सिंह के पिता ने कहा कि गंभीर को विराट से कहना चाहिए था कि वह उन गेंदों को सीधा नहीं खेलें और ये सलाह कोहली के काम आ सकती थी।
कोई भी खिलाड़ी खेल से महान नहीं हो सकता
योगराज सिंह ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब आप भारत के लिए खेल रहे होते हैं तो कोच की भूमिका एक महत्वपूर्ण प्रश्न बन जाती है। जब आप भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एक खिलाड़ी होते हैं तो आपको पारंपरिक अर्थों में कोचिंग की आवश्यकता नहीं होती है। आपको वास्तव में मैन मैनेजमेंट के लिए किसी की आवश्यकता होती है। कभी-कभी एक खिलाड़ी का दिमाग काम नहीं करता है और वो रन नहीं बना पाते हैं या बार-बार आउट हो जाते हैं। कोई भी खिलाड़ी कितना भी महान क्यों ना हों, वो खेल से बड़ा नहीं हो सकता।
गंभीर को करना चाहिए था गाइड
जब कोई खिलाड़ी अच्छा नहीं कर रहा होता है तो ऐसे खिलाड़ियों को किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत होती है जो उन्हें मार्गदर्शन दे सके और कहे कि चलो नेट पर चलते हैं और इस पर काम करते हैं। उदाहरण के लिए विराट कोहली कई बार अपना पसंदीदा शॉट खेलते हुए आउट हो गए और वो था दाएं हाथ से पुश करना। यह शॉट भारतीय पिचों पर इंग्लैंड में और अन्य जगहों पर कारगर है, लेकिन कुछ पिचों पर जहां गेंद ज्यादा उछलती है और ज्यादा दूर तक जाती है किसी को उनसे कहना चाहिए था कि विराट यह शॉट मत खेलो। बस सीधा खेलो या इस गेंद को छोड़ दो। आपको बता दें कि कोहली अब इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले वनडे सीरीज में खेलते हुए नजर आएंगे।