ओडिशा। इस बार जोश, आक्रामकता और जुझारूपन की नई परिभाषा के साथ नए जुनून के साथ उतरने वाली बेल्जियम टीम ने तीन बार की चैम्पियन नीदरलैंड को बेहद रोमांचक सडन डेथ शूटआउट में 3-2 से हराकर पहली बार हॉकी विश्व कप अपने नाम कर लिया.
पिछले कुछ साल में शानदार प्रदर्शन के बावजूद कोई एफआईएच खिताब नहीं जीत सकी दुनिया की तीसरे नंबर की बेल्जियम टीम ने खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम पर अपना संयम बरकरार रखते हुए अपने से अधिक अनुभवी टीम को हराया.
दूसरी ओर सेमीफाइनल में दो बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को शूटआउट में हराने वाली डच टीम और उसके गोलकीपर ब्लाक पिरमिन उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके.
शूटआउट में बेल्जियम के लिए वान ओबेल फ्लोरेंट और वेगनेज विक्टर ने गोल दागे, जबकि वान डोरेन आर्थर, डेनायेर फेलिक्स और डे स्लूवेर आर्थर के निशाने चूक गए. वहीं, नीदरलैंड के लिए जेरोन हट्र्सबर्गर और डे जियुस जोनस ही गोल कर सके. मिरको प्रूजर, वान एस सीव और वान डैम थिस के शाट बेल्जियम के गोलकीपर वानाश विंसेंट ने बचा लिये.
सडन डेथ शूटआउट में बेल्जियम के वान ओबेल ने गोल किया, जबकि नीदरलैंड के हटर्सबर्गर गोल नहीं कर सके. दर्शक दीर्घा में चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी में खेले गए फाइनल में निर्धारित समय तक दोनों पड़ोसी देशों की टीमों में से कोई गोल नहीं कर सका. दोनों टीमों ने कई मौके बनाए, लेकिन उन्हें अंजाम तक नहीं ले जा सके।