नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा जिस मुकाम पर हैं उसमें उनकी कड़ी मेहनत सबसे पहले शामिल हैं। रोहित ने अपने क्रिकेट करियर के सफर में काफी उतार-चढ़ाव भी देखे हैं और उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाईयों पर भी पहुंचाया है। रोहित शर्मा ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करयिर की शुरुआत में संघर्ष भी किया था और कई मौके भी गंवाए। दाएं हाथ का ये बल्लेबाज साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा भी था जो टीम चैंपियन बनी थी, लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता उस वक्त नहीं थी।
जिम्मेदारी ने बदल दी रोहित शर्मा की जिंदगी
रोहित शर्मा को साल 2011 के वनडे वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं दी गई थी और इससे वो काफी निराश भी हुए थे। रोहित शर्मा ने बता चुके हैं कि साल 2011 वनडे वर्ल्ड कप में नहीं खेलने का मलाल उन्हें हमेशा रहेगा। जब रोहित को 2011 की वर्ल्ड कप टीम में जगह नहीं मिली तो इसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और मजबूती से वापसी की, लेकिन उनके क्रिकेट करयिर ने नाटकीय मोड़ तब लिया जब उन्हें कप्तान एमएस धोनी द्वारा ICC चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भारत के लिए पारी की शुरुआत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। यह एक ऐसा कदम था जिसने उनकी किस्मत हमेशा के लिए बदल दी। इसके बाद रोहित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और खुद को दुनिया के बेहतरीन ओपनर के रूप में खुद को स्थापित किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि रोहित के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शुरुआती साल रोलरकोस्टर की तरह थे। रोहित बेहद प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं, लेकिन वो उस वक्त अपनी अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने से चूक जाते थे। 2011 में उन्हें बड़ा झटका लगा जब ICC विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया। रोहित शर्मा के करियर का एक महत्वपूर्ण पल वो था जब उन्हें 2013 ICC चैंपियंस ट्रॉफी में शिखर धवन के साथ ओपनिंग करने की जिम्मेदारी मिली। धोनी ने ओपनिंग की जिम्मेदारी उन्हें दी और उन्हें अपना नैचुरल गेम खेलने की आजादी दी गई और हिटमैन का करियर वहीं से ऊपर उठना शुरू हुआ। रोहित ने 2013 के बाद अपने करियर के सुनहरे दौर में प्रवेश किया और इसके बाद की कहानी उन्होंने खुद लिखी।