नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में जब भी सबसे अधिक पढ़े-लिखे क्रिकेटर्स की बात आती है तो भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का नाम जरूर आता है। ये हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि अश्विन ने आज इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रहे सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के आखिरी दिन रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर रिटायरमेंट का ऐलान किया। 38 साल के अश्विन अब टीम इंडिया के लिए वनडे, टेस्ट और टी20 कोई भी फॉर्मेट खेलते नजर नहीं आएंगे।
अश्विन के रिटायरमेंट के मौके पर उनकी उपलब्धियों की चर्चा खूब हो रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने क्रिकेट में तो खूब नाम कमाया ही, लेकिन उससे पहले वह पढ़ाई में भी अपने परिवार का खूब नाम रोशन कर चुके हैं। दरअसल, अश्विन की गिनती टीम इंडिया के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे क्रिकेटर्स में होती है। अश्विन ने चेन्नई के SSN कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से B Tech की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी में यह डिग्री प्राप्त की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बता दें कि अश्विन ने अपनी स्कूलिंग पद्म शेषाद्री बाला भवन से शुरू की और फिर उसके बाद उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए सेंट बेड्स स्कूल चले गए। बाद में उन्होंने चेन्नई के SSN कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में सूचना प्रौद्योगिकी में बीटेक किया। अश्विन ने कई बार इंटरव्यू में भी बताया है कि उन्हें पढ़ाई से कभी कोई दिक्कत नहीं रही थी। अश्विन ने अपने शुरुआती सालों में शिक्षा को क्रिकेट के प्रति अपने जुनून से विचलित करने वाला माना। हालांकि जैसे-जैसे वे हाई स्कूल में आगे बढ़े, उन्हें एहसास हुआ कि वे अपनी पढ़ाई और क्रिकेट प्रतिबद्धताओं दोनों को संतुलित कर सकते हैं, जिससे दोनों क्षेत्रों में सुधार हुआ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बता दें कि अश्विन का बैकग्राउंड क्रिकेट से जुड़ा रहा था। उनके पिता एक क्लब क्रिकेटर थे जो एक तेज गेंदबाज के रूप में खेलते थे। अश्विन का पालन-पोषण एक संयुक्त परिवार में हुआ। अश्विन के दादा ने उनको क्रिकेट के लिए काफी सपोर्ट किया। उनके माता-पिता के काम में व्यस्त रहने के दौरान उनकी पोषण संबंधी ज़रूरतें पूरी करने की जिम्मेदारी दादा ने अपने ऊपर ही ली हुई थी। उनके पिता ने उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्होंने पढ़ाई में मदद करने के लिए ज़िम्मेदारियों को संतुलित किया और साथ ही अश्विन के लिए ज़रूरी सभी शैक्षिक संसाधनों का प्रबंध किया, जिससे उन्हें क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली।
38 वर्षीय अश्विन ने अपने करियर में 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस फॉर्मेट में अश्विन सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने। उनसे आगे सिर्फ अनिल कुंबले हैं जिनके नाम 619 विकेट हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद अश्विन क्लब प्रतियोगिताओं में खेलना जारी रखेंगे। अश्विन ने तीसरे टेस्ट के बाद, जो ड्रॉ में समाप्त हुआ, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह आश्चर्यजनक घोषणा की।