मुंबई
भारत के महान टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंत शरत कमल ने बुधवार को घोषणा की कि चेन्नई में इस महीने के अंत में होने वाला डब्ल्यूटीटी कंटेंडर टूर्नामेंट उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा। यह टूर्नामेंट 25 से 30 मार्च तक खेला जाएगा। 42 वर्षीय शरत ने कहा, "मैंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट चेन्नई में खेला था और अब यहीं पर मेरा आखिरी टूर्नामेंट होगा। यह पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर मेरा आखिरी मुकाबला होगा।"
एक करियर जो प्रेरणा बना
शरत कमल ने अपने दो दशक लंबे करियर में कई उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में सात स्वर्ण पदक और एशियाई खेलों में दो कांस्य पदक जीते। पिछले साल पेरिस ओलंपिक में उन्होंने पांचवीं और आखिरी बार भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां वह उद्घाटन समारोह में भारत के संयुक्त ध्वजवाहक भी थे।
6 बार के गोल्ड मेडलिस्ट हैं कमल
शरत ने राष्ट्रमंडल खेलों में छह स्वर्ण पदक जीते हैं जबकि एशियाई खेलों में दो कांस्य अपने नाम किये. पिछले साल पेरिस में पांचवां और आखिरी ओलंपिक खेलने वाले इस दिग्गज ने कहा, 'मैने राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में पदक जीते हैं. ओलंपिक पदक मैं नहीं जीत सका. उम्मीद है कि मैं आने वाली युवा प्रतिभाओं के जरिये अपना सपना पूरा कर सकूंगा.'
20 साल के सफर को किया याद
शरत कमल ने कहा, 'चलिए 40 साल पहले की बात करते हैं, जब मैं दो साल का था. तब मैंने पहली बार अपने हाथ में रैकेट पकड़ा था, मुझे नहीं पता था कि यह मेरा सबसे लंबा साथी बन जाएगा. मैं इसे पूरी तरह से छोड़ नहीं रहा हूं, लेकिन यह निश्चित रूप से बड़ी भीड़ के सामने बड़ी टेबल पर हमारे लिए अंत है. अपने बंदना और रैकेट को थोड़ा आराम देने का समय आ गया है. इस खेल ने मुझे जो खुशियाँ, प्यार, दर्द, सबक और सभी लोगों का दिया है, उसके लिए मैं शब्दों से परे आभारी हूँ. हर छोटी-बड़ी चीज़ हमेशा मेरे साथ रहेगी.'
ओलंपिक पदक का सपना अधूरा
अपने करियर के अंत की घोषणा करते हुए शरत ने कहा, "मैंने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक जीते, लेकिन ओलंपिक पदक हासिल नहीं कर सका। मुझे उम्मीद है कि आने वाली युवा प्रतिभाएं मेरा यह सपना पूरा करेंगी।" शरत वर्तमान में आईटीटीएफ (अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ) रैंकिंग में दुनिया के 42वें नंबर के खिलाड़ी हैं और भारत के सर्वोच्च रैंकिंग वाले टेबल टेनिस खिलाड़ी भी।
इंस्टाग्राम पर शेयर किया भावुक संदेश
शरत ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक लंबा संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने करियर के लिए आभार व्यक्त किया और नए चरण में खुद को फिर से तलाशने का वादा किया। उन्होंने लिखा, "मैं यह नहीं कह रहा कि मैं पूरी तरह से खेल छोड़ रहा हूं, लेकिन यह निश्चित रूप से दर्शकों की भीड़ के सामने बड़ी टेबल पर खेलने का अंत है। अब मेरे 'बंदाना' और 'रैकेट' को थोड़ा आराम देने का समय है।"
दो साल की उम्र से शुरू हुआ सफर
शरत ने अपने संदेश में उस समय को याद किया जब उन्होंने महज दो साल की उम्र में पहली बार रैकेट पकड़ा था। उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता था कि यह मेरा सबसे लंबे समय तक चलने वाला साथी बन जाएगा। इस खेल ने मुझे खुशी, प्यार, दर्द और सबक दिया है। हर छोटी चीज हमेशा मेरे साथ रहेगी।"
एथलीट आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में नई भूमिका
शरत वर्तमान में भारतीय ओलंपिक संघ के एथलीट आयोग के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, "यह कल्पना करना कठिन है कि जब मैं टेबल टेनिस नहीं खेलूंगा, तो जीवन कैसा होगा। लेकिन ऐसा होगा ही।"