जकार्ता। विनेश फोगाट ने एशियाई खेलों की महिला कुश्ती 50 किग्रा स्पर्धा में सोमवार को यहां जापान की युकी इरी को 6-2 से हराकर इतिहास रच दिया। वे एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश की पहली महिला पहलवान बन गई। विनेश अपने वर्ग में पदक की प्रबल दावेदार थीं और उन्हें जापानी खिलाड़ी से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद थी लेकिन विनेश पूरे मैच में हावी रहीं और आखिरकार स्वर्ण अपने नाम किया।
हरियाणा की 23 वर्ष की खिलाड़ी ने इस जीत के साथ 2 वर्ष पहले ओलंपिक में दिल तोड़ने वाली हार को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने सेमीफाइनल में चीन की यनान सुन से हिसाब चुकता किया। रियो ओलंपिक में विनेश चीनी खिलाड़ी के खिलाफ ही मैच में पैर में चोट लगने की वजह से हार गई थीं और उनके सफर का अंत हो गया था। लेकिन इस बार विनेश ने विरोधी खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और उसे 8-2 से हराया।
अगली बाउट में उन्होंने कोरिया की हजुंगजू किम को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हरा दिया। उनका सेमीफाइनल मैच केवल 75 सेकेंड चला और वे ‘फितले’ दांव के साथ फाइनल में पहुंचीं। वह 4-0 से आगे थीं और फिर 3 बार विरोधी खिलाड़ी को पलट दिया। इस पदक के साथ विनेश एक और उपलब्धि हासिल करते हुए लगातार 2 एशियाई खेलों में पदक जीतने वाली अकेली महिला पहलवान बन गई। इससे पहले साक्षी को महिलाओं की 62 किग्रा वर्ग में ज्यादा रक्षात्मक होने का नुकसान भुगतना पड़ा। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी अब कांस्य के लिए मुकाबला करेंगी। उनकी ही तरह पूजा ढांडा भी अब कांस्य के लिए खेलेंगी जिन्हें 57 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। पिकी अकेली भारतीय पहलवान रहीं जो पदक की होड़ से बाहर हो गई।
वे 53 किग्रा वर्ग के पहले राउंड की बाउट में मंगोलिया की सुमिया एरदेनेचिमेग से हार गई। पिकी एक भी अंक हासिल नहीं कर पाईं और उनकी प्रतिद्बंद्बी ने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर बाउट अपने नाम कर ली। पुरुष फ्रीस्टाइल में बचे अकेले भारतीय सुमित मलिक 125 किग्रा वर्ग में हार गए। वह प्रतिद्बंद्बी खिलाड़ी का दो मिनट भी सामना नहीं कर पाए और तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हार गए। इस तरह पुरुषों के फ्रीस्टाइल में इंडिया का सफर खत्म हो गया। भारत की ओर से बजरंग पूनिया (65 किग्रा) ने अकेला पदक (स्वर्ण) जीता।
भारत की ओर से विनेश ने दिन की शुरुआत करते हुए चीन की सुन को हरा दिया। उन्होंने इस हार के साथ रियो ओलंपिक की कड़वी यादों को पीछे छोड़ दिया । अपने पहले एशियाई खेल में साक्षी का सेमीफाइनल तक का सफर आसान रहा और उन्होंने थाइलैंड की सलिनी श्रीसोम्बत (10-0) और अयालुम कस्सीमोवा (10-0) को आसानी से शिकस्त दी। वह किर्गिस्तान की ऐसुलू टिनीबेकोवा के खिलाफ सेमीफाइनल में 4-0 से आगे चल रही थीं लेकिन इसके बाद प्रतिद्बंद्बी ने खेल का रुख पलटते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया। वहीं पूजा ने थाईलैंड की ओरासा सूकदोंगयासेगर (10-0) और उज्बेकिस्तान की नबिरा इसेनबेई (12-1) को आसानी से हराते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। लेकिन सेमीफाइनल में वे कोरिया की म्योंग सुक जोंग से तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हार गई।