मुंबई। क्रिकेट में टॉस जीतना काफी महत्वपूर्ण होता है लेकिन घरेलू क्रिकेट में अब टॉस को ही हटाने पर विचार किया जा रहा है। बीसीसीआई की शुक्रवार को यहां आयोजित कप्तानों और कोचों के सम्मेलन में इस बारे में विचार-विमर्श हुआ है। मेजबान टीम को मौका: सम्मेलन में इस बात पर चर्चा हुई कि घरेलू क्रिकेट से टॉस को समाप्त किया जाए। मेहमान टीम को पहले बल्लेबाजी या पहले गेंदबाजी करने का फैसला करने का मौका दिया जाए। इससे घरेलू टीम पिच का फायदा नहीं उठा पाएगी। काबिलेगौर है कि ऑस्ट्रेलिया में घरेलू मैचों में टॉस नहीं होता है। बल्ला उछाल कर उसकी सतह गिराने के हिसाब से बल्लेबाजी या गेंदबाजी का फैसला होता है।
इन मुद्दों पर भी चर्चा: सम्मेलन में इस बात को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई कि जब घरेलू क्रिकेट में 37 टीमें शामिल हो गई हैं तो दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी को कराने का क्या औचित्य है। रणजी ट्रॉफी में जिन मैचों का टीवी पर सीधा प्रसारण होता हैं उन मैचों में डीआरएस को उपलब्ध तकनीक के साथ लागू करने को लेकर भी चर्चा की गई। रणजी ट्रॉफी के नॉकऑउट मुकाबलों को होम एंड अवे आधार पर ही कराया जाए या फिर तटस्थ स्थलों पर लौटा जाए।