नई दिल्ली: दो दिन बाद कोलकाता में भारत और बांग्लादेश (India vs Bangladesh) के बीच डे-नाइट टेस्ट मैच शुरू होने वाला है. इसको लेकर देश भर में काफी चर्चा हो रही है. पूर्व भारतीय कप्तान और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) प्रमुख राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने कहा है कि एक ओर जहां पिंक बॉल (Pink Ball) टेस्ट क्रिकेट में दर्शकों को स्टेडियम की ओर आकर्षित करेगी तो वहीं स्टेडियम के अंदर दर्शकों को बेहतर सुविधाएं देने की जरूरत है.
ओस का होगा यह असर
द्रविड़ ने मीडिया से कहा, “यह न केवल टेस्ट क्रिकेट को पूर्नजीवित करने का हल है, लेकिन यह उन चीजों में से एक है, जिसे हमें करने की जरूरत है. अगर हम केवल ओस को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं तो भारत में दिन-रात टेस्ट वार्षिक कार्यक्रम बन सकता है. जब गेंद गीली होगी और गेंदबाजी मुश्किल हो जाएगी क्योंकि गेंद स्विंग नहीं होगी.”
और भी बातों पर ध्यान देने की जरूरत
द्रविड़ ने कहा कि इसके अलावा भी कई अन्य चीजें है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि दर्शकों को स्टेडियम की ओर आकर्षित किया जा सके. उन्होंने कहा, “टॉयलेट, सीट और कार पार्किंग, ऐसी बेसिक चीजें है, जिसपर कि ध्यान देने की जरूरत है.”
टीवी की वजह से दर्शक हुए मैदान से दूर
पूर्व कप्तान का कहना है कि बेहतरीन टीवी आने की वजह से लोग मैच देखने के लिए मैदान में नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि पहले यह सुविधा नहीं थी और लोगों को मैदान में आना पड़ता था. पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, “जब हम कहते हैं कि 2001 में ईडन गार्डन्स में 100000 लोग थे, तो हम इसे याद नहीं कर रहे हैं. उस समय, कोई एचडी टेलीविजन नहीं था जो आपको घर पर बेहतर अनुभव की गारंटी दे सकता था, मोबाइल पर कोई क्रिकेट नहीं था. और यदि आप देखना चाहते थे तो आपको मैदान में आना पड़ता था.”
भारत के पास नहीं है कोई कैलेंडर
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट कैलेंडर होता है और इसलिए वहां पर दर्शक टेस्ट मैच देखने आते हैं. द्रविड़ ने बॉक्सिंग डे और लॉर्डस टेस्ट का उदाहरण देते हुए आगे कहा, “इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट अच्छी स्थिति में है. लेकिन वहां ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास टेस्ट क्रिकेट कैलेंडर है और हमारे पास नहीं है.”
दर्शकों बना सकेंगे योजनाएं
द्रविड़ ने कहा, “लोग दिसंबर में बॉक्सिंग डे टेस्ट और एक साल पहले ही जुलाई में लॉर्डस टेस्ट की योजना बना सकते हैं. हमें भारतीय क्रिकेट में ऐसा करने की जरूरत है. इसके अलावा, हमें स्टेडियम में बेहतर सुविधाओं की जरूरत है.”