नई दिल्ली: भारत के दिग्गज खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे काफी समय टीम इंडिया से बाहर हैं। इसके बावजूद वह वापसी की कोशिश में लगे हुए हैं। इस दौरान रहाणे के पास एक्सपर्ट बनकर काफी पैसा कमाने का मौका था लेकिन इस खिलाड़ी ने उसे नकार कर घरेलू क्रिकेट खेलने का फैसला किया। रहाणे ने अपने इस फैसले की वजह भी बताई।
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में की थी कमेंट्री
रहाणे साल 2020-21 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया के कप्तान थे। विराट कोहली के भारत लौटने के बाद उन्होंने कप्तानी की और भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस जीत में उनके अलावा चेतेश्वर पुजारा का भी अहम रोल था। हालांकि यह दोनों ही खिलाड़ी बीते साल बीजीटी का हिस्सा नहीं थे। पुजारा ब्रॉडकास्टर के पैनल में शामिल हुए और उन्होंने कमेंट्री करने का फैसला किया। हालांकि रहाणे ऐसा नहीं किया।
नहीं बनना चाहते थे एक्सपर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रहाणे ने उन्हें भी क्रिकेट एक्सपर्ट बनने का ऑफर मिला था लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थे। रहाणे ने कहा, ‘जब मैं बीजीटी के बाद वापस आया तो मुझे पता था कि मैं केवल उस अवधि के लिए कप्तान था और फिर उप-कप्तान बन जाऊंगा।’ उन्होंने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से बाहर होने पर कहा, ‘हां, यह कठिन था। मुझे एक विशेषज्ञ बनने का प्रस्ताव मिला। यह आसान था और अच्छा पैसा भी था, लेकिन मेरे अंदर एक व्यक्ति कह रहा था कि मैं अभी भी (खेल सकता हूं)। चुना जाना या नहीं चुना जाना मेरे हाथ में नहीं है। आगे चलकर, मैं ऐसी स्थिति नहीं चाहता जहां मुझे लगे कि इस विशेषज्ञ असाइनमेंट मैं बाद में भी ले सकता था। मैं एक आखिरी प्रयास कर सकता था।’
चमके थे अजिंक्य रहाणे
रहाणे इस दौरान सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेले। यहां उन्होंने 9 मैचों में 58.62 के औसत से 469 रन बनाए। उनके बल्ले से पांच अर्धशतक भी निकले। उन्होंने इसके बाद विजय हजारे ट्रॉफी से आराम ले लिया था। रहाणे ने अब भी वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है। वह घरेलू क्रिकेट के जरिए टीम इंडिया में फिर से जगह बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने मुंबई की कप्तानी करते हुए खुद को बतौर बल्लेबाज भी साबित किया है। रहाणे ने यह भी बताया कि लोगों ने उन्हें खबरों में रहने को कहा लेकिन वह केवल क्रिकेट को ही अपना पीआर मानते हैं।