नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बड़ा फैसला लेते हुए जूनियर स्तर पर खिलाड़ियों का बोन टेस्ट (अस्थि परीक्षण) कराने का फैसला लिया है। बोर्ड ने यह निर्णय इसलिए लिया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई खिलाड़ी अतिरिक्त सत्र खेलने से वंचित नहीं रह जाए।
मौजूदा मानदंडों के अनुसार खिलाड़ी टीडब्ल्यू3 विधि के माध्यम से आयु निर्धारण के लिए बोन टेस्ट से गुजरता है। इसमें उसके उम्र का आकलन बोन टेस्ट की उम्र में एक जोड़कर किया जाता है। नियम में बदलाव के साथ हालांकि अंडर 16 लड़कों की श्रेणी में किसी क्रिकेटर को अगले सत्र में उसी आयु वर्ग में खेलने की अपनी पात्रता निर्धारित करने के लिए दूसरे अस्थि परीक्षण से गुजरना होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा सटीक उम्र जानने के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि कोई भी खिलाड़ी वैज्ञानिक गणना के बजाय गणितीय गणना के कारण खेलने से ना चूके।