नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज ट्रैविस हेड ने शनिवार (7 दिसंबर) को एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन अपना आठवां टेस्ट शतक बनाया। 30 वर्षीय हेड ने 111 गेंदों में 11 चौकों और तीन छक्कों की मदद से यह उपलब्धि हासिल की। डे-नाइट टेस्ट में यह हेड का तीसरा शतक था। उन्होंने श्रीलंका और पाकिस्तान के बल्लेबाजों को पीछे छोड़ा। मार्नस लाबुशेन के नाम पिंक बॉल टेस्ट में सबसे ज्यादा चार से शतक लगाने का रिकॉर्ड है। हेड ने डे-नाइट टेस्ट में सबसे तेज शतक का अपना ही रिकॉर्ड भी तोड़ा। उन्होंने 2022 में होबार्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 112 गेंदों में शतक बनाया था। हेड ने एक बार फिर भारत को ‘हेडेक’ दिया है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2023 और वनडे वर्ल्ड कप 2023 में वह भारत से मैच छीन चुके हैं।
भारत के लिए ‘हेडेक’ बने हेड
साउथ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने 2023 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में 163 रन बनाकर अपनी टीम को 209 रनों से जीत दिलाने में मदद की थी। 2023 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भी शतक जड़ा था। ऑस्ट्रेलिया ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत को हराकर 50 ओवर के प्रारूप में अपनी छठी कप जीत दर्ज की।
डे नाइट टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक
डे नाइट टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक मार्नस लाबुशेन के नाम है। उन्होंने 4 शतक जड़े हैं। इसके अलावा ट्रेविस हेड ने 3 शतक जड़े हैं। वह पाकिस्तान के असद शफीक और दिमुथ करुणारत्ने से आगे निकले। दोनों के दो-दो शतक लगाए हैं। हेड ने एडिलेड में 111 गेंद पर शतक जड़ा। यह डे नाइट टेस्ट में सबसे तेज शतक है।
डे नाइट टेस्ट में सबसे तेज शतक
ट्रेविस हेड इससे पहले 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ 112 और 2022 में ही एडिलेड में वेस्टइंडीज के खिलाफ 125 गेंद पर शतक ठोके थे। 2017 में एजबेस्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ जो रूट ने 139 और 2016 में ब्रिस्बेन में पाकिस्तान के असद शफीक ने 140 गेंद पर शतक जड़ा था। इस साल की शुरुआत में वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिस्बेन में खेले गए डे नाइट टेस्ट में ट्रेविस हेड दोनों पारियों में खाता नहीं खोल पाए थे।
खराब अंपायरिंग
भारत-ऑस्ट्रेलिया दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन खराब अंपायरिंग देखने को मिली। रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर मिचेल मार्श के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील हुई। ऑन फील्ड अंपायर ने उन्हें नॉट आउट दिया। भारत ने रिव्यू लिया। थर्ड अंपायर ने यह कहते हुए मैदानी अंपायर का फैसला बरकरार रखा कि गेंद पैड पर पहले लगी या बैट पर इसका कोई प्रमाण नहीं है।