दुबई: भारत और न्यूजीलैंड के बीच रविवार को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताबी मुकाबला खेला जाएगा। टीम इंडिया अभी तक टूर्नामेंट में अजेय है, जबकि कीवियों को रोहित एंड कंपनी से ही एकमात्र शिकस्त मिली है। ऐसे में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। भारत अपने तीसरे चैंपियंस ट्रॉफी खिताब, जबकि न्यूजीलैंड दूसरे चैंपियंस ट्रॉफी खिताब के लिए उतरेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हालांकि, इस मैच में भारतीय स्पिनर्स और कीवी बल्लेबाजों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल सकती है। भारत को अगर खिताब जीतना है तो न्यूजीलैंड के इन-फॉर्म बल्लेबाज केन विलियम्सन और रचिन रवींद्र के बल्ले पर अंकुश लगाना होगा।
फॉर्म में चल रहे भारतीय स्पिनरों को फॉर्म में चल रहे विलियम्सन और रचिन को जल्द से जल्द पवेलियन भेजना होगा। इनके बीच टक्कर पर सभी की नजरें होंगी और यह मैच का निर्णायक पहलू भी साबित हो सकता है। रचिन अब तक चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में दो शतक जड़ चुके हैं। हालांकि, भारत के खिलाफ मैच में वह छह रन बनाकर हार्दिक पांड्या का शिकार बने थे। पांड्या ने उन्हें शॉर्ट बॉल पर थर्ड मैन पर कैच कराया था। डेवोन कॉनवे की गैरमौजूदगी में रचिन ने बाकी मैचों में कीवियों को बेहतरीन शुरुआत दी है। बांग्लादेश के खिलाफ 112 रन और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में 108 रन की पारी इसका गवाह है। तीन पारियों में अब तक वह 226 रन बना चुके हैं।
वहीं, विलियम्सन भी चार पारियों में 47.25 की औसत से 189 रन बना चुके हैं। भारत के खिलाफ पिछले मकुाबले में उन्होंने 81 रन की पारी खेली थी और एक छोर से संभाले रखा था। उनके आउट होते ही मैच भारत की गिरफ्त में आ गया था। इन दोनों को आउट करना भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा, वरना 12 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। न्यूजीलैंड ने आखिरी बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी साल 2000 में जीती थी। तब उन्होंने फाइनल में भारत को चार विकेट से हराया था। इसके बाद से कीवी टीम 50 ओवर के प्रारूप में आईसीसी खिताब के लिए जूझती रही है।
दूसरी ओर भारत ने 2013 के बाद से चैंपियंस ट्रॉफी नहीं जीती है और इस मैच में टीम एक बार फिर चार स्पिनर्स के साथ उतार सकती है। फाइनल मैच दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की उसी पिच पर खेला जाएगा जिस पर पाकिस्तान के खिलाफ मैच हुआ था। उसमें स्पिनरों को काफी मदद मिली थी। ऐसा नहीं है कि सिर्फ कीवी बल्लेबाज को स्पिन की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। न्यूजीलैड के स्टार स्पिनरों के खिलाफ भी भारतीय बल्लेबाजों की परख होती दिखेगी। भारत के स्टार बल्लेबाजों ने बांग्लादेश के स्पिनरों मेहदी हसन मिराज और रिशाद हुसैन के खिलाफ जोखिम लेने से बचने की रणनीति अपनाई थी। यही तरीका उन्होंने पाकिस्तान के स्पिनर अबरार अहमद के खिलाफ भी अपनाया और ये तीनों गेंदबाज काफी किफायती साबित हुए थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हालांकि, न्यूजीलैंड के स्पिनर्स में सिर्फ कप्तान सैंटनर को छोड़कर बाकी स्पिनर्स भारत के खिलाफ मैच में महंगे साबित हुए थे। ब्रेसवेल ने छह से ज्यादा और रचिन ने पांच से ज्यादा की इकोनॉमी से रन लुटाए थे। इस मैच में फिलिप्स ने गेंदबाजी नहीं की थी।
पिछले साल के आखिर में घरेलू टेस्ट सीरीज में सैंटनर और फिलिप्स के खिलाफ भारत का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। भारत को उसमें 3-0 से हार झेलनी पड़ी थी और अब यहां इन दोनों के साथ ब्रेसवेल भी हैं जिन्होंने अब तक दो मैचों में बेहतरीन गेंदबाजी की है। ऐसे में शुभमन गिल, पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद शतक जमाने वाले विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और केएल राहुल को प्रभावी प्रदर्शन करना होगा। कोहली बड़े मैच में हमेशा चलते हैं और उनका बल्ला एक बार फिर चला को कीवियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। वहीं, रोहित फाइनल में एक बार फिर टीम को ताबड़तोड़ शुरुआत देना चाहेंगे। शुभमन गिल ने शुरुआती कुछ मैचों में रन बनाए, लेकिन पिछले दो मैचों में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। फाइनल में उन्हें रन बनाना होगा और दिखाना होगा कि उन्हें क्यों आने वाले समय के बड़े खिलाड़ियों में आंका जाता है।
टूर्नामेंट से पहले टीम में पांच स्पिनरों (रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती और वॉशिंगटन सुंदर) के चयन को लेकर भारत की आलोचना हो रही थी, लेकिन यहां स्पिनरों के दबदबे ने भारत को मजबूती दी और टीम स्पिनर्स की बदौलत ही फाइनल में पहुंच सकी। हाल ही में आईएलटी-20 की मेजबानी करने वाले दुबई के इस मैदान की पिचें अब ताजा नहीं है जिससे स्पिनरों को मदद मिल रही है। इस मैच में भी टीम चार स्पिनर्स की ही रणनीति के साथ उतर सकती है। हार्दिक न सिर्फ गेंदबाजी में अच्छा कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गगनचुंबी छक्के लगाकर फैंस का दिल जीता था। वहीं, अक्षर और जडेजा न सिर्फ उपयोगी और अनुभवी स्पिनर्स हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर बल्ले से भी कमाल दिखा सकते हैं। अक्षर ने बल्लेबाजी में कमाल दिखाए भी हैं।
न्यूजीलैंड के कोच गैरी स्टीड का मानना है कि भारत का चौतरफा स्पिन आक्रमण चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे खिलाफ शायद वह इसी रणनीति को अपनाएंगे, लेकिन हमारे पास भी चार स्पिनर हैं। हमारी टीम संतुलित है लेकिन चौतरफा स्पिन आक्रमण चुनौतीपूर्ण होगा। उनके पास बेहतरीन स्पिनर हैं। हमें हालात के अनुरूप ढलना होगा और हमारे सभी बल्लेबाज अपनी रणनीति बनाकर भारतीय स्पिनरों के सामने उतरेंगे।’ भारत के वरूण चक्रवर्ती के पास विविधता है जिसमें लेग ब्रेक और सीम लेती गेंदें शामिल हैं। उन्होंने मिचेल सैंटनर को 113 किमी की रफ्तार वाली गेंद पर आउट किया था।
ऐसे में स्टीड की रणनीति का अहम हिस्सा विलियम्सन होंगे जिन्होंने वनडे क्रिकेट में स्पिनरों के खिलाफ 47 की औसत से 2952 रन बनाए हैं। स्टीड ने कहा, ‘वह बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं और कई बार न्यूजीलैंड के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं। क्रिकेट के खेल में रनों की गारंटी नहीं होती, लेकिन मुझे पता है कि केन रन बनाने की पूरी कोशिश करेंगे। वह दुनिया के चुनिंदा क्रिकेटरों में से हैं, जिनमें विभिन्न पिचों के अनुरूप ढलने की कमाल की काबिलियत है।’ यह भी देखने वाली बात होगी कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में भारतीय स्पिनर्स थोड़े महंगे साबित हुए थे। वरुण को छोड़कर बाकी तीन स्पिनर्स की इकोनॉमी रेट पांच से ज्यादा की रही थी। ऐसे में इन गेंदबाजों की कीवियों के खिलाफ एक भी गलती भारत को खिताब से दूर कर सकती है।
डेरिल मिचेल कुछ खास फॉर्म में नहीं दिखे हैं और कीवी उनकी जगह बाएं हाथ के स्पिनर और बल्लेबाज मार्क चैपमैन को टीम में शामिल कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हालांकि, ऐसा होने की संभावना बेहद कम है। इसके अलावा मैट हेनरी अभी तक चोटिल हैं। हेनरी ने भारत के खिलाफ पिछले मैच में पांच विकेट लिए थे और उनके नहीं खेलने से कीवियों को झटका लगेगा। यह भारत के लिए अच्छी खबर हो सकती है। हेनरी की जगह नाथन स्मिथ को मौका दिया जा सकता है। या फिर मिचेल के साथ साथ कीवी मार्क चैपमैन को हेनरी की जगह टीम में शामिल करें। इससे टीम के पास मिचेल, रुर्के और जेमीसन के रूप में तीन पेसर्स और चैपमैन, रचिन, फिलिप्स, ब्रेसवेल और सैंटनर के रूप में पांच स्पिनर्स होंगे। चैपमैन बाएं हाथ से अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं।
दोनों टीमों की संभावित प्लेइंग-11
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती, मोहम्मद शमी।
न्यूजीलैंड: मिचेल सैंटनर (कप्तान), रचिन रवींद्र, माइकल ब्रेसवेल, टॉम लाथम, डेरिल मिचेल, विल ओ’रूर्के, ग्लेन फिलिप्स, केन विलियम्सन, विल यंग, काइल जेमीसन, मैट हेनरी/मार्क चैपमैन।