नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजियों के मालिकों की एक बैठक बुलाई है। यह बैठक 16 अप्रैल को अहमदाबाद में होगी। इस दिन नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटंस (GT) का मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स (GT) से होगा। आईपीएल फ्रेंचाइजी के सभी दस मालिकों को निमंत्रण भेजा गया है।
हालांकि, यह माना जा है कि मालिकों के साथ उनके सीईओ और ऑपरेशनल टीमें भी मीटिंग में सकती हैं, लेकिन बैठक केवल मालिको के लिए बुलाई गई। इसमें आईपीएल 2025 से पहले मेगा ऑक्शन और खिलाड़ियों के रिटेंशन पर चर्चा हो सकती है। बैठक में बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी, सचिव जय शाह और आईपीएल अध्यक्ष अरुण सिंह धूमल शामिल होंगे। माना जा रहा है कि बैठक के संबंध में पत्र आईपीएल के सीईओ हेमांग अमीन ने भेजा है।
मेगा-ऑक्शन से संबंधित मुद्दे शामिल होंगे
क्रिकबज अमीन ने बैठक के लिए एजेंडा की जानकारी नहीं दी है, लेकिन अचानक बैठक बुलाने के मद्देनजर यह उम्मीद की जा रही है कि बीसीसीआई कई नीतिगत निर्णयों पर ध्यान देगा। इसमें मुख्य रूप से अगले वर्ष के लिए निर्धारित मेगा-ऑक्शन से संबंधित मुद्दे शामिल होंगे। मामले से वाकिफ एक सूत्र ने कहा, ”वे आईपीएल के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।”
ऑक्शन से पहले रिटेंशन की संख्या चर्चा का केंद्र बिंदु
ऑक्शन से पहले रिटेंशन की संख्या चर्चा का केंद्र बिंदु होगा। इस विषय ने आईपीएल का ईको सिस्टम बंटा हुआ है। विभिन्न मालिकों के अलग-अलग विचार हैं। संख्या पर कोई स्पष्ट सहमति नहीं है और माना जाता है कि बीसीसीआई समाधान के लिए बातचीत करना चाहता है। आईपीएल मालिकों के एक वर्ग का मानना है कि रिटेंशन की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, उनका तर्क है कि टीमों ने खुद को पर्याप्त रूप से स्थापित कर लिया है। अपने ब्रांड और प्रशंसक आधार को मजबूत करने के लिए निरंतरता की आवश्यकता है। कुछ का सुझाव है कि खिलाड़ियों रिटेन करने की संख्या आठ तक होनी चाहिए।
राइट टू मैच कार्ड
हालांकि, एक वर्ग इतनी अधिक संख्या में रिटेंशन का विरोध करता है और छोटी संख्या को प्राथमिकता देता है। इसके अतिरिक्त, राइट टू मैच कार्ड को फिर से शुरू करने के बारे में भी चर्चा हो रही है। इसका पहले इस्तेमाल होता था, लेकिन 2022 में आखिरी मेगा-ऑक्शन में यह नहीं था। तब इसके केवल चार को अनुमति थी, जिसमें अधिकतम तीन भारतीय या दो विदेशी खिलाड़ी हो सकते थे।
सैलरी कैप पर भी हो सकती है चर्चा
चर्चा का एक अन्य प्रमुख बिंदु सैलरी कैप होगी, यह एक ऐसा विषय जिस पर हमेशा आईपीएल सेटअप के विभिन्न वर्गों के बीच अलग-अलग राय होती है। बीसीसीआई स्वयं एक मजबूत दृष्टिकोण रखता है। पिछली मिनी-ऑक्शन के दौरान, सीमा 100 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी, लेकिन दो साल पहले बीसीसीआई द्वारा 48,390 करोड़ रुपये के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स साइन करने के बाद टीमों के केंद्रीय राजस्व हिस्से में भारी वृद्धि को देखते हुए इसके बढ़ने की उम्मीद है।