नई दिल्ली: जसप्रीत बुमराह, भारतीय क्रिकेट का वो सितारा, जो अपनी रफ्तार, सटीकता और अनोखे गेंदबाजी एक्शन से दुनिया भर में धमाल मचा रहा है। अब वह एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड की दहलीज पर खड़ा है। अगर बुमराह अपने अगले टेस्ट मैच में 5 विकेट और ले लेते हैं, तो वे SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में 150 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले एशियाई गेंदबाज बन जाएंगे।
बुमराह का अब तक का सफर
जसप्रीत बुमराह ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ की थी। तब से लेकर अब तक, उन्होंने अपनी रफ्तार और स्विंग से बल्लेबाजों को खूब परेशान किया है। SENA देशों की पिचें तेज गेंदबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण होती हैं, बुमराह ने 145 विकेट सिर्फ 21.02 की औसत से लिए हैं।
एशियाई दिग्गजों ने यहां छोड़ी अपनी छाप
SENA देशों की पिचें हमेशा से एशियाई गेंदबाजों के लिए कठिन रही हैं। तेज और उछाल वाली पिचों पर गेंदबाजी करना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ एशियाई दिग्गजों ने यहां अपनी छाप छोड़ी है। आइए, नजर डालते हैं उन शीर्ष एशियाई गेंदबाजों पर, जिन्होंने SENA में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लिए हैं:
वसीम अकरम (पाकिस्तान): 146 विकेट, औसत 24.11। वसीम की स्विंग और रिवर्स स्विंग ने बल्लेबाजों को हमेशा मुश्किल में डाला।
जसप्रीत बुमराह (भारत): 145 विकेट, औसत 21.02। बुमराह की शानदार औसत उन्हें इस सूची में खास बनाती है।
अनिल कुंबले (भारत): 141 विकेट, औसत 37.04। एक स्पिनर के रूप में कुंबले का यह प्रदर्शन कमाल का है।
इशांत शर्मा (भारत): 130 विकेट, औसत 36.86। इशांत ने लंबे समय तक भारतीय गेंदबाजी की कमान संभाली।
मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका): 125 विकेट, औसत 26.69। मुरली की फिरकी ने SENA में भी कमाल दिखाया।
मोहम्मद शमी (भारत): 123 विकेट, औसत 32.88। शमी की सीम मूवमेंट ने बल्लेबाजों को खूब परेशान किया।
जहीर खान (भारत): 119 विकेट, औसत 31.47। जहीर की सटीक लाइन और लेंथ हमेशा याद की जाएगी।
कपिल देव (भारत): 117 विकेट, औसत 33.07। भारत के पहले विश्व कप विजेता कप्तान ने गेंदबाजी में भी कमाल किया।
वकार यूनुस (पाकिस्तान): 113 विकेट, औसत 29.15। वकार की रफ्तार और यॉर्कर अविश्वसनीय थे।
बुमराह की सबसे खास बात
बुमराह की गेंदबाजी में सबसे खास बात है उनका अनोखा एक्शन और गेंद को स्विंग कराने की काबिलियत। उनकी यॉर्कर और स्लो बॉल बल्लेबाजों को हैरान कर देती हैं। SENA की मुश्किल पिचों पर, जहां गेंदबाजों को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, बुमराह ने हमेशा अपनी टीम के लिए अहम मौकों पर विकेट निकाले। उनकी औसत 21.02 इस बात का सबूत है कि वे न सिर्फ विकेट लेते हैं, बल्कि बल्लेबाजों को कम रन बनाने का मौका देते हैं।