नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में छह पदक जीतने के बाद भारतीय एथलीट्स देश लौट चुके हैं। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी भारतीय एथलीट्स लाल किले पर हुए कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे। इसके बाद सभी खिलाड़ियों ने पीएम मोदी से भी मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी खिलाड़ियों से मजाक मस्ती भी करते दिखे। उन्होंने लक्ष्य सेन से कहा- आप तो सेलिब्रिटी बन गए हो! वहीं, प्रधानमंत्री ने मनु भाकर की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस साल भी देश को पहला पदक भारत की बेटी ने ही दिलाया है।
लक्ष्य से क्या कहा
पीएम ने कहा- पता है आपको, आप अब सेलिब्रिटी बन गए हो? इस पर लक्ष्य कहते हैं- मैच के समय तो मेरा फोन प्रकाश (पादुकोण) सर ने ले लिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक मैच नहीं हो जाते, तब तक फोन नहीं मिलेगा। हालांकि, काफी लोगों ने मेरा समर्थन किया। मेरा एक अच्छ लर्निंग एक्सपीरियंस भी था। थोड़ा दिल भी टूटा, क्योंकि पदक के पास पहुंचकर रह गया। आगे मैं कोशिश करूंगा कि और बेहतर कर सकूं।’ इसके बाद पीएम कहते हैं- प्रकाश सर में इतना अनुशासन था कि अगली बार मैं उन्हीं को भेजूंगा।
बढ़ाया खिलाड़ियों का हौसला
पीएम मोदी कहते हैं- आप सभी पूरी दुनिया में भारत के तिरंगे की शान बढ़ाकर के देश लौटे हैं। मेरे निवास पर आप सभी का स्वागत करने का मुझे अवसर मिला, यह मेरे लिए गौरव की बात है। पेरिस जो-जो एथलीट्स गए थे, उन्हें पहले से पता था कि उन्हें अपना बेस्ट देना है। मैंने भी हमेशा यही कहा है आप सभी को, कि हमेशा अपना बेस्ट देना है और आप सभी ने बेस्ट दिया है। दूसरी बात यह है कि हमारे खिलाड़ी उम्र में थोड़े छोटे हैं। अभी से ही हमने बेहतर प्रदर्शन किया है और आगे हमारे पास समय है और बेहतर हासिल करने का। मुझे यकीन है वो आप जरूर करेंगे। यहां भी मेरी इच्छा है कि मैं सबका नाम लेकर उससे चर्चा करूं, विशेषकर हमारी बेटियां। पिछली बार की तरह इस बार भी बेटियों ने ही ओलंपिक में भारत की जीत का श्रीगणेश किया है।
मनु समेत पदकवीरों की तारीफ
पीएम मोदी ने कहा- मनु को जिस प्रकार पिछली बार (टोक्यो ओलंपिक) तकनीकी कारणों से निराश होना पड़ा था, फिर उन्होंने जो वापसी की, अंकिता (भकत) ने जिस तरह अपना सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, मनिका बत्रा और श्रीजा अकुला ने भी सभी का ध्यान खींचा है। इसी तरह बाकी खिलाड़ी भी रहे, खासकर धीरज ने जिस तरह लगन और अनुशासन में स्थिरता दिखाई, स्वप्निल ने कठिनाइयों को पार कर जिस तरह पदक जीता है, हॉकी में हमारे सरपंच साहब (हरमनप्रीत) और उनकी टीम ने दिखा दिया कि भारत की ताकत क्या है। पीआर श्रीजेश ने ये बता दिया है कि वह ‘द वॉल’ क्यों हैं। जो मेडल जीता या कुछ पॉइंट या सेकंड से चूका, उन सभी ने एक ही संकल्प को दोहराया, ये सिलसिला गोल्ड से कम पर खत्म नहीं होगा।
श्रीजेश से संन्यास को लेकर पूछे सवाल
पीएम मोदी ने फिर श्रीजेश से भी बातचीत की। उन्होंने श्रीजेश से पूछा- आपने रिटायर होने का मन पहले ही बना लिया था या फिर बाद में? इस पर श्रीजेश कहते हैं- पिछले कुछ वर्षों से सोच रहा था। मेरे टीम वाले पूछ रहे थे कि बता दे भाई कब छोड़ेगा। 2002 में मैं पहली बार कैंप में गया और 2004 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जूनियर टीम के साथ, तब से मैं खेलता आ रहा हूं और 20 साल से अपने देश के लिए खेल रहा हूं तो एक अच्छा प्लेटफॉर्म से संन्यास लेना है। ओलंपिक एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है, जहां दुनियाभर के खेलों का मेला लगता है। मुझे इससे अच्छा मौका मिलता नहीं तो इसलिए ही निर्णय ले लिया।
इसके बाद पीएम मोदी कहते हैं- ये टीम आपको मिस तो करेगी ही करेगी, लेकिन इस टीम ने आपकी विदाई शानदार की। ये पूरी टीम को बधाई है। सरपंच साहब ने बड़ा दम दिखाया। इसके बाद श्रीजेश कहते हैं- सच में, क्योंकि हम इसका सपना ही देख सकते थे। हमलोग जब सेमीफाइनल हार गए थे तो हमारे लिए थोड़ा मुश्किल था, क्योंकि ये टीम जब पेरिस गई थी तो हमने उम्मीद ये की थी कि हम पेरिस में फाइनल खेलेंगे और ये टीम स्वर्ण पदक के लायक है। जब सेमीफाइनल हार गए थे, तो थोड़ा दर्द हुआ था सबको, लेकिन जब आखिरी मैच खेलने उतरे तो सभी ने कहा कि ये मैच श्रीजेश भाई के लिए जीतना है, तो मेरे लिए तो सबसे गर्व की बात तो यही है कि 17 साल जो मेहनत मैंने भारत के लिए किया, इन साथियों ने मेरा साथ दिया और खासतौर पर ये मेरे लिए गर्व की बात है कि उस पोडियम पर अपनी टीम को खड़ा हुआ देख पाया।