नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले 2 मैचों में भारतीय टीम को हार मिली और टीम ने सीरीज भी गंवा दी। इस टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी की कमजोरी सामने आई। बेंगलुरु में तेज गेंदबाजों वाली पिच पर टीम महज 46 रन पर ढेर हो गई और पुणे की टर्नर पिच पर भारतीय बल्लेबाजों के पास मिचेल सैंटनर का कोई जवाब नहीं था। भारतीय टीम घर में पिछले 12 साल से अजेय थी, लेकिन ये सिलसिला भी टूट गया। भारत ने इन 12 साल में जो जीत मिली थी वो स्पिनर्स के दम पर ही मिली, लेकिन कीवी टीम के खिलाफ हमारे बल्लेबाज भी स्पिनर के खिलाफ संघर्ष करते दिखे।
वजह से खत्म हुआ रहाणे का करियर
न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने खराब टर्न तैयार करने के लिए मैनेजमेंट पर निशाना साधा और कहा कि भारतीय बल्लेबाजों ने ऐसे विकेटों पर खेलकर अपना आत्मविश्वास खो दिया है। हरभजन ने अजिंक्य रहाणे का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत की पिचों के कारण उनका करियर प्रभावित हुआ। टर्बनेटर भज्जी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि अगर आप पिछले दशक के ट्रेंड को देखें को हम पिछले एक दशक से ज्यादातर टर्निंग पिचों पर खेल रहे हैं। इस उम्मीद के साथ खी हम टॉस जीतेंगे, 300 रन बनाएंग और गेम पर अपना नियंत्रण रखेंगे।
उन्होंने ये कहा कि बगैर ये जाने की हमारे पास टर्निंग पिच पर बल्लेबाजी करने की क्षमता है या नहीं, हम हार के कगार पर हैं या नहीं हम स्पिन पिच तैयार करने में लगे रहे। सच्चाई ये है कि हमारे बल्लेबाजों ने इन पिचों पर खेलते हुए अपना आत्मविश्वास खो दिया है। उसके सबसे बड़ा उदाहरण अजिंक्य रहाणे हैं जो बेहतरीन बल्लेबाज हैं। इस तरह की पिचों की वजह से ही उनका करियर प्रभावित हुआ। हरभजन सिंह ने बताया कि कैसे बल्लेबाज पहले दिन से ही टर्नर वाली पिचों पर खेलने के बाद अपना आत्मविश्वास खो देते हैं, उन्होंने बताया कि विदेशी दौरों पर यह बल्लेबाजों की मानसिकता को कैसे प्रभावित करता है।
भज्जी ने कहा कि हम हमेशा इस बात पर अड़े रहते हैं कि वे (SENA देश) भी अपनी जरूरतों के हिसाब से पिच तैयार करते हैं, लेकिन वे ऐसी पिचें नहीं हैं जहाँ आप बल्लेबाजी भी नहीं कर सकते। समय के साथ उन पिचों पर स्वाभाविक रूप से टूट-फूट होती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर आपको नहीं पता कि कौन सी पिच टर्न लेगी तो आप हमेशा इस संदेह से जूझते रहते हैं कि आक्रमण करें या बचाव करें। यहां तक कि विराट कोहली ने भी पिछले कुछ साल में विदेशों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां गेंद बल्ले पर आती है। अब इन पिचों पर आपके तीन खराब घरेलू टेस्ट मैच हैं, लेकिन चयनकर्ता जानते हैं कि आप एक अच्छे खिलाड़ी हैं और आपको विदेशी दौरे पर ले जाते हैं, लेकिन तब तक आपके पास रन नहीं होने से आपकी मानसिकता पर असर पड़ना शुरू हो जाता है।