नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के मनाली में हुई स्नो मैराथन के तीसरे संस्करण में भारतीय सेना के लद्दाख स्काउट्स ने अपना दबदबा बनाया। भारतीय सेना के शाबिर हुसैन ने मनाली के पास जना फॉल्स के बर्फ से ढके पहाड़ों पर 03:58:21 घंटे का समय लेकर फुल मैराथन (42 किमी) का खिताब जीता। मौजूदा चैंपियन मनाली की तेनजिन डोल्मा ने 04:35:13 घंटे का अपना सर्वश्रेष्ठ समय दर्ज करके महिला वर्ग में खिताब जीता।
त्सेवांग नांगदान और हेमलता ने जीती हाफ मैराथन
भारतीय सेना के त्सेवांग नांगदान ने 01:29:14 घंटे के समय के साथ हाफ मैराथन (21 किमी) जीती, जबकि हेमलता 02:45:58 घंटे का समय लेकर महिला वर्ग में चैंपियन बनीं। यही नहीं, 10 किमी वर्ग का खिताब भी भारतीय सेना के जिग्मेट स्टबडेन ने जीता। उन्होंने 48:47 मिनट के समय के साथ प्रतियोगिता अपने नाम की। इसी स्पर्धा के महिला वर्ग में साक्षी प्रथम स्थान पर रहीं। उन्होंने 01:12:34 घंटे का समय निकाला। पांच किमी की रेस में अरमान ठाकुर ने बाजी मारी।
200 से अधिक धावकों ने लिया प्रतियोगिता में हिस्सा
स्नो मैराथन का आयोजन कुल्लू जिला प्रशासन के सहयोग से हिमाचल पर्यटन विभाग और रीच इंडिया ने किया था। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देश-विदेश के 200 से अधिक धावकों ने चार श्रेणियों में हिस्सा लिया। स्नो मैराथन में रूस, अमेरिका, ब्रिटेन और श्रीलंका के धावकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
हिमस्खलन के कारण सिस्सू में नहीं हो पाई स्नो मैराथन
स्नो मैराथन के आयोजक राजीव कुमार और गौरव शिमर ने बताया कि इस संस्करण में भारतीय नौसेना के 25 सेलर्स (नाविकों) के साथ भारतीय सेना के 15 लद्दाख स्काउट्स के जवानों ने स्नो मेराथन में शिरकत की। बता दें कि हाल ही में लाहौल में हुए हिमस्खलन के कारण स्नो मैराथन का आयोजन सिस्सू (लाहौल और स्पीति) में नहीं किया जा सका, क्योंकि आयोजन स्थल के रास्ते की ओर जाने वाले मार्ग अवरुद्ध हो गए थे। मार्ग अवरुद्ध होना आयोजकों के लिए चुनौती बन गई थी, इसलिए इस संस्करण का आयोजन कुल्लू जिले के मनाली में जना फॉल्स की बर्फीली पहाड़ियों में कराया गया। हालांकि, प्रकृति की ओर से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों ने अत्यधिक धैर्य और साहस दिखाया। प्रतियोगिता में गोवा, चेन्नई, विशाखापत्तनम, कोलकाता और देश के कोने कोने के धावकों ने हिस्सा लिया।