नई दिल्ली: भारत के लिए 9 टेस्ट खेलने वाले पूर्व तेज गेंदबाज वरुण एरोन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट से संन्यास के बाद कोचिंग का रुख कर लिया है। अपने लगभग 15 साल के प्रथम श्रेणी करियर के दौरान वह आठ बार स्ट्रेस फ्रैक्चर और तीन बार पैर फ्रैक्चर से जूझे, लेकिन अभी भी 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद करने की क्षमता रखते हैं। अब वह चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा के साथ काम करेंगे। एमआरएफ पेस फाउंडेशन तेज गेंदबाजों को तैयार करता है। इसे तेज गेंदबाजों की फैक्ट्री कहा जा सकता है एरोन ने इसे लेकर कहा, ” मैं पिछले 15 वर्षों से एमआरएफ फाउंडेशन में एक खिलाड़ी की हैसियत से हूं। क्रिकेट को अलविदा कहने के फैसले को ध्यान में रखते हुए कंपनी के एमडी (राहुल माम्मेन मपिल्लई) और मेरे बीच पिछले साल बातचीत हुई थी। मैंने सुझाव दिया कि हम अपनी सुविधाओं को उन्नत करें और रॉ फास्ट बॉलर्स की तलाश शुरू करें, जो हमने हाल ही में सिस्टम में 140 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक की रफ्तार से गेंद करने वाले तेज गेंदबाजों को खिलाने के लिए किया।”
2,500 तेज गेंदबाजों का ट्रायल
एमआरएफ ऐस ऑफ पेस टैलेंट हंट प्रोग्राम ने चार शहरों में लगभग 2,500 तेज गेंदबाजों के लिए ट्रायल आयोजित किया। इसके बाद इस महीने की शुरुआत में तीन गेंदबाजों को एकेडमी में शामिल किया गया। एरोन अब स्पोर्ट्स साइंटिस्ट बनना चाहते हैं। इसके लिए वह चेन्नई के श्री रामचंद्र यूनिवर्सिटी में शिक्षा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं एक स्पोर्ट्स साइंटिस्ट बनना चाहता हूं। मुझे इस सबजेक्ट में बहुत रुचि है। कैसे शरीर चलता है और तेज गेंदबाज चोट से कैसे बच सकते हैं।”
एरोन चोट की वजह से होने वाली दिक्कतों को समझते हैं
34 वर्षीय एरोन चोट की वजह से होने वाली दिक्कतों को अन्य लोगों से अधिक समझते हैं। एरोन भले ही भारत के लिए ज्यादा न खेल पाए हों, लेकिन वह अगली पीढ़ी को हीन भावना से नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा, “कोई पछतावा नहीं है। मैंने जो कुछ भी हासिल किया है उससे मैं संतुष्ट नहीं होऊंगा। मैंने अब भी क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है, मैं अब भी अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं। इसलिए आप कभी नहीं जानते कि भविष्य में क्या होगा। मुझे बहुत चोट लगी है। मैं नहीं चाहता कि तेज गेंदबाज वही गलतियां करें, जो मैंने कीं। मैं चोट के बावजूद उनके स्तर को आगे बढ़ाने और उन्हें 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को पार करने में मदद करने के लिए अपना ज्ञान देना चाहता हूं।”
एमआरएफ फाउंडेशन पिछले एक दशक में टेस्ट गेंदबाज पैदा करने में सक्षम नहीं रहा
एरोन मानते हैं कि एमआरएफ फाउंडेशन पिछले एक दशक में टेस्ट गेंदबाज पैदा करने में सक्षम नहीं रहा है। वह यहां से लाल गेंद वाले क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले आखिरी खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा, ” “यह थोड़ा दुखद है कि मेरे बाद कोई भी तेज गेंदबाज नहीं रहा, जैसा कि हर संगठन में होता है, यह शायद ट्रांजिशन का दौर रहा होगा। लेकिन स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच के रूप में रामजी (श्रीनिवासन), मेरे और ग्लेन के एक साथ आने से हम पेस फाउंडेशन को अगले स्तर पर ले जाएंगे। मुझे यकीन है कि परिणाम दो साल के भीतर देखने को मिलने लगेगा।”
स्टुअर्ट ब्रॉड की ग्रिल तोड़ दी
2014 के मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान एरोन के बाउंसर ने स्टुअर्ट ब्रॉड की ग्रिल तोड़ दी थी। इससे इंग्लैंड के खिलाड़ी की नाक से खून बहने लगा था। अगले साल बेंगलुरु में उन्होंने हाशिम अमला को ऑफ स्टंप के ऊपर गेंद मारकर आउट किया था। सिंहभूम एक्सप्रेस नक्कलबॉल जैसी वैरायटी के साथ तेज गेंदबाज के प्रदर्शन का विस्तार करने पर जोर देता है। एरोन नए टैलेंटस के साथ अपने सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के तौर पर टॉप ऑफ ऑफ को हिट करने पर काम करेंगे।
टॉप ऑफ ऑफ हिट करने पर बोले एरोन
एरोन ना कहा, ” यदि आप अधिकतम प्रयास के बावजूद टॉप ऑफ ऑफ पर हिट नहीं कर पाते तो आप एक अच्छे तेज गेंदबाज नहीं बन सकते। एक बार जब आप इसे महारत हासिल कर लेते हैं, तो बाकी सब कुछ आपके साथ हो जाता है। मान लीजिए कि आप रणजी ट्रॉफी में खेल रहे हैं। आप 30 ओवर धीमी गेंदें नहीं फेंक सकते, है न?”
डेड पिच पर 5 विकेट
एरोन ने झारखंड के लिए रेड बॉल क्रिकेट करियर के आखिरी मैच में अपनी कला का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, ” मैंने आखिरी प्रथम श्रेणी मैच खराब पिच पर खेला। मैंने पांच विकेट लिए। हमने राजस्थान को हराकर सीजन का अपना पहला महत्वपूर्ण मैच जीता। मुझे लगता है कि केवल तेज गति वाला गेंदबाज किसी भी परिस्थिति में विकेट निकाल सकता है और टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। जब आप में तेज गेंद करने की प्रतिभा हो, जो हर किसी के पास नहीं होती तो जब तक आप खेल रहे हैं, आपको इसे अधिकतम इस्तेमाल करना चाहिए।”