नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने रविवार को कहा कि देश का यह शीर्ष खेल निकाय सभी पूर्व ओलंपियनों के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य बीमा और पेंशन योजना लाने की तैयारी है। उषा ने आईओए की कार्यकारी समिति को सिफारिशें प्रस्तावित की हैं जिन पर जल्द ही चर्चा होगी। उषा को यह विचार भारतीय तीरंदाज लिंबा राम की दुर्दशा को देखने के बाद आया। प्रस्ताव के मुताबिक आईओए इन सभी खर्चों को पूरी तरह से अपने खजाने से वहन करेगा। उषा ने यहां अपने आवास पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के मौके पर महान भारतीय खिलाड़ी गुरबचन सिंह रंधावा को सम्मानित करते हुए कहा, ‘आईओए कई एथलीट-केंद्रित कदम उठा रहा है और इनमें से हमारे सभी पूर्व-ओलंपियनों के लिए चिकित्सा बीमा और पेंशन शामिल है।’
उषा ने कहा, ‘हमने सभी पूर्व ओलंपियनों के लिए कार्यकारी समिति सदस्यों को प्रस्ताव सौंप दिया है। यह पूर्व ओलंपियनों के लिए आईओए की ओर से एक छोटी सी मदद है। हमें अपने सभी पूर्व ओलंपियनों के योगदान की सराहना करना चाहते हैं।’ उषा ने कहा कि उन्हें यह विचार तब आया जब वह बीमार ओलंपियन लिंबा राम से मिलीं थी। तीरंदाजी के इस दिग्गज खिलाडी को मस्तिष्क आघात हुआ था और उन्होंने वित्तीय सहायता के लिए व्हीलचेयर पर आईओए से संपर्क किया था।
उन्होंने कहा, ‘जब मैंने आईओए कार्यालय में लिंबा राम को व्हीलचेयर पर वित्तीय सहायता के लिए संघर्ष करते हुए देखा तो इसने मुझे झकझोर दिया। उसी क्षण मेरे दिमाग में यह विचार आया।’ रंधावा ने दो ओलंपिक खेलों में भाग लिया है। वह 1964 के तोक्यो ओलंपिक में 110 मीटर बाधा दौड़ में पांचवें स्थान पर रहे थे। एशियाई खेलों (1962) के डेकाथलॉन में स्वर्ण पदक जीतने वाले इस खिलाड़ी ने आईओए प्रमुख के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इसके साथ अनुभवी ओलंपियनों की भलाई के लिए और अधिक प्रयास करने का अनुरोध किया।