नई दिल्ली: पाकिस्तान में हुए एससीओ समिट में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया था। कई सालों बाद किसी भारतीय नेता द्वारा पड़ोसी मुल्क में किसी बड़े कार्यक्रम में हिस्सा लिया गया। अब खबर यह है कि उस दौरे के दौरान दो मौके ऐसे आए जब जयशंकर को पाक नेता से बातचीत करने का मौका मिला। बात भी उस क्रिकेट के मुद्दे पर हुई जो दोनों देशों को अभी भी जोड़ने का काम करता है।
क्रिकेट को लेकर पाकिस्तान में क्या बातचीत?
जानकारी के लिए बता दें कि अगले साल पाकिस्तान में चैंपियस ट्रॉफी होने जा रही है, पाक क्रिकेट बोर्ड चाहता है कि भारत इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान आए। अभी तक भारत ने इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया है, पिछले 17 सालों से टीम एक बार भी किसी सीरीज के लिए पड़ोसी मुल्क ट्रैवल नहीं की है। लेकिन अब उन्हीं रिश्तों को फिर दुरुस्त करने के लिए पाकिस्तान चाहता है कि भारतीय टीम पाकिस्तान आए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री जयशंकर की पाक नेता के साथ इस मुद्दे पर बातचीत हुई है।
क्या फैसला हो गया
असल में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाक के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने 24 घंटे में दो बार मुलाकात की थी। ऐसी खबर है कि जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई वो क्रिकेट रहा। समझने वाली बात यह है कि जयशंकर को भी क्रिकेट का काफी शौक है, इस खेल में उन्होंने काफी दिलचस्पी दिखाई है। ऐसे में उसने इसी मुद्दे पर बातचीत भी की गई। लेकिन जानकार मानते हैं कि यह बातचीत बिल्कुल ही शुरुआती लेवल की रही और अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता।
पाकिस्तान ने क्या तैयारी की?
वैसे पाकिस्तान में एससीओ समिट के दौरान दिलचस्प कूटनीति भी देखने को मिल गई। ऐसी खबर है कि पहले लंच टेबल पर जयशंकर और पाक नेता इशाक डार को साथ नहीं बैठना था, लेकिन ऐन वक्त पर फैसला हुआ कि डार को जयशंकर के बगल में ही बैठाया जाएगा। इसके ऊपर पाक सरकार में इंटीरियर मिनिस्टर सईद मोहसिन रजा नकवी को भी बुला लिया गया जो वर्तमान में पाक क्रिकेट बोर्ड के चेयरमेन भी है।
पिछले साल गोवा में हुआ था हंगामा
ऐसे में उन तीनों ने क्रिकेट पर चर्चा की, उन संभावनाओं की तलाश की गई कि क्या भारतीय टीम चैंपियस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जा सकती है? वैसे इस बार की बातचीत को ज्यादा अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंति दोनों पाकिस्तान और भारत की तरफ इस बार ज्यादा निजी हमले नहीं हुए हैं। पिछली बार जब गोवा में एससीओ समिट हुआ था, तब तो जयशंकर ने तल्ख अंदाज में बोल दिया था कि बिलावल भुट्टो आतंकवाद की फैक्ट्री के प्रवक्ता हैं। ऐसा भी इसलिए हुआ था क्योंकि भुट्टो ने कश्मीर और 370 का मुद्दा उठा दिया था। लेकिन इस बार पाकिस्तान सिर्फ अपने मुद्दों पर सीमित रहा और जम्मू-कश्मीर पर भी कोई बयान नहीं दिया गया। इसी वजह से क्रिकेट जैसे मुद्दे पर बातचीत हो पाई।