नई दिल्ली: इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट (ECB) बोर्ड के पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने और इंग्लैंड बनाम भारत पांच मैचों की टेस्ट म सीरीज का नाम बदलकर ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ रखने के फैसले को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी की विरासत को जीवित रखने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अब ईसीबी से अनुरोध किया है कि वह टेस्ट सीरीज में व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए अपने पुरस्कारों में से एक का नाम पटौदी पर रखे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार BCCI ने कहा कि है कि ट्रॉफी का नाम बदलने में उसका कोई हाथ नहीं है।
ईसीबी ने इस साल से पटौदी ट्रॉफी को बंद करने का फैसला किया है। इसके बजाय पूर्व खिलाड़ियों के नाम पर सीरीज का नाम रखने के आधुनिक चलन के अनुरूप ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ शुरू करने की घोषणा की है। हाल के दिनों में ईसीबी ने क्रिकेट वेस्टइंडीज के साथ मिलकर 1963 में स्थापित विजडन ट्रॉफी का नाम बदलकर 2020 से रिचर्ड्स-बॉथम ट्रॉफी कर दिया है, जो दो महान खिलाड़ियों विव रिचर्ड्स और इयान बॉथम के सम्मान में दोनों टीमों के बीच खेली जाती है।
क्या है कारण
इसी तरह इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय सीरीज क्रो-थोर्प ट्रॉफी के लिए होती है, जिसका नाम मार्टिन क्रो और ग्राहम थोर्प के नाम पर रखा गया है। खिलाड़ियों के नाम पर द्विपक्षीय सीरीज का नामकरण पहले से ही चलता आ रहा है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 1996 से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेली जा रही है। यह काफी प्रतिष्ठित ट्रॉफी है। ऐसे में पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलने का फैसला भी इसी तर्ज पर किया गया लगता है।
पदाधिकारी का क्या है बयान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पदाधिकारी ने कहा, “ईसीबी ही तय करता है कि वे अपनी सीरीज का नाम किस पर रखना चाहते हैं। BCCI की इसमें कोई भूमिका नहीं है क्योंकि यह उनकी घरेलू सीरीज है। हमने उनसे पोस्ट मैच ट्रॉफी में से एक का नाम पटौदी पर रखने का अनुरोध किया है और वे हमें जवाब देंगे।”
नाम हटाने का किया था फैसला
ईसीबी ने इस साल की शुरुआत में बिना कोई आधिकारिक कारण बताए पटौदी के नाम को हटाने का फैसला किया था। हालांकि, उन्होंने इस साल अप्रैल में टाइगर पटौदी के बेटे और जाने-माने अभिनेता सैफ अली खान को इस बारे में सूचित कर दिया था। भारत-इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 20 जून से लीड्स के हेडिंग्ले में शुरू होगी।
दोनों टीमों का किया था प्रतिनिधित्व
पटौदी ट्रॉफी 2007 में भारत के 1932 में अपने पहले टेस्ट की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए अस्तित्व में आई थी। 21 साल की उम्र में पटौदी सबसे कम उम्र के भारतीय टेस्ट कप्तान बने थे। उनके पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी ने इंग्लैंड और भारत दोनों का प्रतिनिधित्व किया था।
अनावरण करने के लिए तैयार
ईसीबी ने अभी तक अपनी सीरीज का नाम आधिकारिक नहीं किया है, लेकिन पता चला है कि उन्होंने एंडरसन और तेंदुलकर को इसके बारे में सूचित कर दिया है। दोनों पहले टेस्ट से पहले ट्रॉफी का अनावरण करने के लिए तैयार हैं। इंग्लिश पेसर एंडरसन जुलाई 2024 में खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था। उन्होंने 188 टेस्ट में 704 विकेट लिए। तेंदुलकर ने अपने लंबे शानदार करियर में 200 टेस्ट खेले और 15921 रन बनाए।