आप सभी को मेरा जय हिंद में मेघा परमार एवरेस्ट इस नाम के पीछे एवरेस्ट लगने में जितनी मेरी मेहनत है। उससे कई ज्यादा आप सब काम मुझे दिया हुआ। साहस मुझे एक जीवन समाप्ति कदम से खींचकर के लेकर आई। आपकी लेखनी और दुनिया की कितनी भी पीआर कंपनी इकट्ठी कर लेती तो भी जन्नत तक नहीं पहुंचा पाती। जितनी आप लोगों ने निस्वार्थ भाव से देश मध्य प्रदेश कोने तक पहुंचाई। इस मध्य प्रदेश की पहली लड़की के द्वारा पहाड़ की बर्फ की चोटी पर तिरंगा फहराया था, पर आप सभी ने उस तिरंगे को अपने अखबारों में टीवी पर चैनलों पर फहरा दिया था वो भी निस्वार्थ भाव से। आज में 30 वर्ष की हूं 6 वर्ष पूरे हो गए और कल माउंट एवरेस्ट डे है। मैने 22 मई सुबह 5 बजे माउंट एवरेस्ट फतह करके मध्य प्रदेश की पहली लड़की बना का अवसर प्राप्त किया था, पर उससे पहले 2018 में मुझे बहुत बड़ी असफलता मिली 700 मीटर की रीड की हड्डी टूटी थी 2019 में सफलता मिली थी।
सबसे बुरे दौर में गुजर रही थी न जाने कितने लोग खींचने में लगे थे और आप सबने मुझे वह साहस दिया था। इस वजह से मेरे कदम बड़े और तिरंगा लहर पाई में जीवन के इस पड़ाव पर आकर सबसे ज्यादा दुआ इसलिए देता हूं की आज जीवन में मैंने जो कुछ भी कमाया है ,जो भी हासिल किया है वह आप सब ने मेरे को सब दूर तक पहुंचा था उसकी वजह से किया है में साल एक बार या ये कहे रोज तो नही हा साल में एक बार आप भगवान के सामने प्रार्थना करती हुं की मेरी उस दुआओं में आपके सभी घर के बच्चों के नाम आते है की मुझे इस पहाड़ तक पहचाने में आप सबका बहुत बड़ा जाने अनजाने या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कि इतना योगदान है कि आपको भी नहीं पता होगा की इतना बड़ा योगदान है आपके घर के बच्चे अपने अपने पहाड़ों की चोटियों को फतेह करें मेरे जीवन के इस पहाड़ पहुंचने में आपके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष एहसान की में जिंदगी भर आभारी रहूंगी बहुत-बहुत धन्यवाद।