अब एशियाई खेल, जो पिछले साल कोविड महामारी के कारण स्थगित कर दिए थे- 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक हो रहे हैं और कोविड को भुलाने के लिए सभी एथलीट एकजुट हो रहे हैं। देखें एशिया के खेल मंच पर किसका पलड़ा भारी रहता है?
वह 16 सितम्बर 2015 का दिन था जब अश्गाबात, तुर्कमेनिस्तान में ओसीए महासभा में, उनकी बोली को मंजूरी मिलने के बाद (रिकॉर्ड के लिए- सिर्फ एक शहर हांगझू ही दावेदार था), दक्षिण पूर्व चीन के हांगझू को 2022 में 19वें एशियाई खेलों का मेजबान घोषित किया गया।ओसीए के अध्यक्ष शेख अहमद अल फहद अल सबा ने हांगझू को बधाई देते हुए कहा था कि उन्हें विश्वास है कि बड़े खेल मेलों के आयोजन के चीन के अनुभव की बदौलत 19वां एशियाड एक बड़ी कामयाबी साबित होगा। वहीं उनके मार्केटिंग पार्टनर के तौर पर कॉर्पोरेट दिग्गज अलीबाबा के नाम और समर्थन की भी घोषणा हो गई थी।
हांगझू को मिले एशियाई खेल पर…
इस तरह 8.9 मिलियन की आबादी वाले और चीन में घरेलू उत्पादन में चौथे नंबर के इस शहर हांगझू को ये खेल मिले। इससे पहले 1990 में बीजिंग और 2010 में गुआंगज़ौ चीन के ऐसे शहर हैं जो इन खेलों का आयोजन कर चुके हैं। इस तरह हांगझू, ओसीए के इस शोपीस आयोजन की मेजबानी करने वाला तीसरा चीनी शहर होगा। ये खेल 10-25 सितंबर, 2022 तक होने थे पर कोविड ने ऐसा होने नहीं दिया। खेल टले और अब 23 सितंबर से 8 अक्टूबर 2023 तक हांगझू में ही खेल हो रहे हैं यानि कि शुरुआत में कुछ ही दिन बचे हैं। तैयारी पूरी हो चुकी है। उद्घाटन समारोह 23 सितंबर 2023 को अलेक्जेंडर स्टेडियम में एक प्रभावशाली परेड के साथ होने वाला है। हिस्सेदारी की बात करें तो 6 देशों- भारत, जापान, फिलीपींस, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड ने 1951 से हर एशियाई खेलों में हिस्सा लिया है। तो इस तरह कोविड के कारण नहीं हो पाए 2022 में ये खेल। 6 मई 2022 को ही ये तय हो गया था कि खेलों को 2023 तक स्थगित कर रहे हैं और 19 जुलाई 2022 को नई तारीखों की घोषणा की गई।
किन खेलों में मुकाबला है
2019 में ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया ने घोषणा की थी कि 37 खेल के लिए मुकाबले होंगे- इनमें 28 तो वे जो पेरिस में 2024 ओलंपिक की लिस्ट में हैं बाकी गैर-ओलंपिक खेल। इसीलिए खुले पानी में तैराकी और लयबद्ध जिमनास्टिक में ग्रुप मुकाबले जैसे आयोजनों को प्रोग्राम में शामिल किया गया।इसके बाद बेसबॉल, सॉफ्टबॉल, कराटे और स्पोर्ट क्लाइंबिंग को प्रोग्राम में जोड़ा जिससे खेलों की गिनती 40 हो गई और दिसंबर 2020 में ईस्पोर्ट्स (2018 में जिन्हें सिर्फ प्रदर्शन के तौर पर आयोजित किया था) और ब्रेकडांसिंग (जो 2024 ओलंपिक में शुरू होंगे) को भी शामिल कर किया और पूरा प्रोग्राम 42 खेलों के आयोजन का हो गया।प्रतीक (Emblem) इसे नाम दिया है ‘सर्जिंग टाइड्स’ का और इसे पहली बार अगस्त 2018 में हांगझू संस्कृति रेडियो टेलीविजन ग्रुप के हेड क्वार्टर में एक समारोह के दौरान दिखाया था। इसे एक हाथ के पंखे, एक रनिंग ट्रैक, कियानतांग नदी और रेडियो तरंगों (वायरलेस कनेक्टिविटी का प्रतीक) जैसा दिखने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस प्रतीक का उद्देश्य
‘नए युग में गति पकड़ रही चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद के महान कारण’ और ‘ओसीए की एकता, एकजुटता और विकास’ को दिखाना है। शुभंकर(Mascot) खेलों के तीन शुभंकर, कांगकॉन्ग, लियॉनलियॉन और चेन्चेन, जिन्हें मिलकर ‘जियांगन की यादें’ का नाम दिया है- अप्रैल 2020 में पहली बार दिखाए थे। उन्हें क्रमशः लियांगझू शहर, वेस्ट लेक और ग्रैंड कैनाल के पुरातात्विक खंडहरों से आने वाले रोबोटिक सुपर हीरो के तौर पर दर्शाया है।नारा(Slogan)ये है ‘हार्ट टू हार्ट, @फ्यूचर’ उद्घाटन समारोह से 1,000 दिन पहले 15 दिसंबर 2019 को रिलीज हुआ था। ये नारा एशियाई खेलों के जरिए एशिया के देशों के बीच कनेक्टिविटी का प्रतीक है।संगीत(Music)खेलों का ऑफिशियल थीम सॉन्ग ‘विद यू एंड मी’ अप्रैल, 2023 में जारी हुआ और उसी वक्त इसकी म्यूजिक वीडियो भी रिलीज की थी। इसे एंजेला झांग, जैक्सन वांग, सुन्नी और जेसी-टी ने पेश किया है और इसे एक ग्लोबल मुकाबले के जरिए चुना था। मूल रूप से थाईलैंड की एक टीम, नादाओ म्यूजिक ने इसे बनाया था।
मशाल रिले15 जून 2023 को लियांगझू के पुरातात्विक खंडहरों में लौ जलाई गई थी।मशाल रिले सितंबर के बीच में वेस्ट लेक और झेजियांग के 11 शहरों में शुरू होगी। मेडल के लिए मुकाबले कहां होंगे खेलों के लिए 44 वेन्यू प्रयोग होंगे- इनमें से 30 तो मौजूदा वेन्यू थे और 14 नए बनाए गए। ज्यादातर वेन्यू हांगझू और उसके पास ही हैं जबकि अन्य प्रोग्राम डेकिंग, जिंहुआ, निंगबो, शाओक्सिंग और वेनझोउ में भी होंगे। दर्शकों की आसानी के लिए हांगझू और हुझोउ के बीच एक नई हाई-स्पीड रेल लाइन भी बिछा दी है।
कौन-कौन आ रहा है ?
जो 45 राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी, एशिया ओलंपिक काउंसिल की सदस्य हैं- वे सभी टीम भेज रहे हैं। इस बार एक नया इतिहास बन सकता था पर देरी और अन्य कुछ हालात ऐसे बने कि इसके आसार लगभग ख़त्म हैं। मार्च 2019 में, एशिया ओलंपिक काउंसिल ने कुछ ख़ास मुकाबलों में हिस्सा लेने के लिए ओशिनिया के देशों के एथलीटों को आमंत्रित किया- हालांकि वे एशिया का हिस्सा नहीं हैं। 2017 एशियाई विंटर खेलों के बाद से वे पहली बार किसी समर एशियाई खेलों में हिस्सा लेते। ख़ास बात ये थी कि उन्हें बता दिया था कि उनकी कोई भी टीम/खिलाड़ी मेडल नहीं जीतेंगे और अपनी कामयाबी के प्रतीक के तौर पर वे एक अलग मेडल/सर्टिफिकेट पा सकेंगे। नवंबर 2021 में, इसके लिए वुशु और रोलर स्केटिंग, एथलेटिक्स, ट्रायथलॉन और वेटलिफ्टिंग की कुछ इवेंट की घोषणा भी हो गई। ये न्योता इसलिए था ताकि इन देशों के खिलाड़ी/टीम अपने प्रदर्शन से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकें।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इन खेलों के लिए एथलीट नहीं भेज रहे
बहरहाल, कोविड के कारण, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इन खेलों के लिए एथलीट नहीं भेज रहे। इस साल जनवरी में एशियाई ओलंपिक काउंसिल ने एक और पहल की और रूसी और बेलारूसी एथलीटों को एशियाई खेलों में भाग लेने न्योता दे दिया- इसके पीछे भी असल इरादा इन दोनों देशों के एथलीट को 2024 समर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में मदद का था। मजे की बात ये है कि इस निमंत्रण के बावजूद रूस और बेलारूस पर पहले से लगे प्रतिबंध जारी रहेंगे। इस पर भी बड़ी तेज प्रतिक्रिया हुई और इसे कई महीने से एशियाई खेलों की तैयारी कर रहे एथलीट के साथ ‘धोखा’ भी कहा गया। बाद में, ये स्पष्ट हुआ कि इन देशों से आने वाले नियमित मेडल नहीं जीतेंगे और न ही इन देश का नाम मेडल तालिका में आएगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने इस निमंत्रण का समर्थन किया पर इस रिपोर्ट के संकलन के समय जो स्थिति है उसके हिसाब से रूस और बेलारूस से कोई नहीं आ रहा।
दूसरा सबसे बड़ा खेल मेला
एशियाई खेल को समर ओलंपिक के बाद, आकार में, दूसरा सबसे बड़ा खेल मेला माना जाता है। शंघाई में कोविड फैलने के बाद से हांगझू खेलों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। महामारी की शुरुआत के बाद से चीन में अधिकांश अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों को स्थगित या रद्द कर दिया गया था। तब भी बीजिंग विंटर ओलंपिक का आयोजन हुआ पर पूरी सख्ती के साथ। अब एशियाई खेल, जो पिछले साल कोविड महामारी के कारण स्थगित कर दिए थे- 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक हो रहे हैं और कोविड को भुलाने के लिए सभी एथलीट एकजुट हो रहे हैं। देखें एशिया के खेल मंच पर किसका पलड़ा भारी रहता है? प्रस्तुति : चरनपाल सिंह सोबती