05 सितम्बर। एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स के मेडलिस्ट खिलाडियों को सम्मान और सुविधाएं देने के मामले में हरियाणा दूसरे अन्य राज्यों से कहीं आगे है। 2015 में भारत सरकार ने खिलाडियों के मैडल जीतने पर जॉब पक्की करने की पालिसी बनाई है। जिसकी वजह से राज्यों के खिलाडियों ने इंटरनेशनल टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था। अप्रैल में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स और पिछले दिनों हुए एशियाई गेम्स के 34 व्यक्तिगत कैटेगरी में से 15 अकेले हरियाणा राज्य के खिलाडियों ने जीता। 24 राज्यों के खिलाड़ी गोल्ड नहीं जीत पाए। हरियाणा को कॉमनवेल्थ के 33 फीसदी और एशिया गेम्स के 24 फीसदी भी इसी राज्य ने जीता। एशियाड गेम्स के स्वर्ण पदक विजेताओं को हरियाणा सर्वाधिक 3 करोड़ रुपया देता है। जबकि हिमांचल सबसे कम 1 लाख रुपए की प्राइज मनी देता है।
ओलम्पिक में भी हरियाणा आगे
2016 के रिओ ओलम्पिक में भारत के 117 खिलाड़ियों ने 15 खेलो में भाग लिया। लेकिन हमें यहां सिर्फ दो मैडल ही मिल सके। बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने सिल्वर मैडल जीता तो वहीँ हरियाणा की खिलाडी साझी मालिक ने कुस्ती में ब्रॉन्ज़ मैडल जीता।