भोपाल: उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों 2025 में मध्य प्रदेश की टीम ने ट्राइथलॉन मिश्रित रिले में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह इन खेलों में राज्य का पहला पदक है, जिससे प्रदेश में हर्ष और गर्व का माहौल है।
ट्राइथलॉन: दृढ़ता और समर्पण का खेल
ट्राइथलॉन प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक मजबूती का परिचय देते हुए 10 किलोमीटर साइक्लिंग, 2.5 किलोमीटर दौड़, और 250 मीटर तैराकी करनी होती है। मध्य प्रदेश की टीम ने इन तीनों चरणों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए शानदार तालमेल का प्रदर्शन किया।
टीम की शानदार उपलब्धि
मध्य प्रदेश की टीम में अंकुर चाहर, दुर्विशा पवार, रोशन गोंड, और आध्या सिंह ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से दूसरा स्थान हासिल किया। सभी खिलाड़ी कोच मनोज झा के मार्गदर्शन में पिछले कई वर्षों से कठिन प्रशिक्षण कर रहे हैं। प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक महाराष्ट्र ने जीता, जबकि कांस्य पदक तमिलनाडु की टीम के हिस्से में गया। यह उपलब्धि मध्य प्रदेश की खेल नीति और खिलाड़ियों के निरंतर प्रयास का प्रमाण है।
खेल मंत्री ने दी बधाई
मध्य प्रदेश के खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इस ऐतिहासिक जीत पर टीम को बधाई देते हुए कहा, “ट्राइथलॉन जैसे चुनौतीपूर्ण खेल में हमारी टीम ने अपनी लगन और सामूहिक प्रयास से यह उपलब्धि हासिल की है। यह पदक उनकी मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन का नतीजा है। हमें गर्व है कि हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों में एक नया आयाम स्थापित कर रहे हैं।”उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों को हरसंभव सहयोग प्रदान कर रही है और भविष्य में ऐसी उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।
खिलाड़ियों की मेहनत रंग लाई
ट्राइथलॉन जैसी कठिन प्रतियोगिता में जीत हासिल करना खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और फिटनेस का प्रमाण है। तीनों चरणों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए टीम के सदस्यों ने शारीरिक और मानसिक मजबूती का परिचय दिया।
इस ऐतिहासिक जीत से मध्य प्रदेश के खेल प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यह पदक राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आगामी प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों के उत्साह को बढ़ाएगा। यह जीत प्रदेश की खेल नीति और खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य का परिचायक है।