भोपाल। एवरेस्ट फतह करने वाले प्रदेश के पर्वतारोही भी शिखर अवॉर्ड पा सकेंगे। इन्हें भी विक्रम अवार्ड देकर बाकायदा उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया जाएगा, ताकि वह योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी के हकदार हो सके। खेल एवं युवा कल्याण संचालनालय ने इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली है। अगर, सब कुछ सही रहा तो इस बार के विक्रम अवॉर्ड समारोह में पहली बार किसी एक पर्वतारोही को यह अवॉर्ड मिल जाएगा। मप्र सरकार हर साल प्रदेश के 10 खिलाड़ियों को विक्रम, 15 जूनियर्स को एकलव्य, तीन कोचों को विश्वामित्र, एक मलखंभ खिलाड़ी को प्रभाष जोशी और किसी एक खेल हस्ती को लाइफटाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड से नवाजती है। इन्हीं अवार्डों में एक अवार्ड पर्वतारोही का भी जुड़ रहा है। जैसे कि विक्रम अवॉर्डी को एक लाख रुपए और योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दी जाती है। वैसे ही पर्वतारोही अवाॅर्डी को भी एक लाख रुपए, सूट-बूट के साथ मोमेंटो और योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी मिलेगी। हर साल अगस्त माह में विभाग एक भव्य समारोह आयोजित कर प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को शिखर अवॉर्ड से नवाजती है। इस साल भी अगस्त के हिसाब से ही तैयारी चल रही है। सबसे पहले एवरेस्ट फतह करने वालों मेें भोपाल के भगवान सिंह हैं, जिन्होंने 19 मई 2016 को यह कारनामा किया था। वे खेल विभाग में ही कार्यरत्त हैं। वाटरस्पोर्ट्स के अलावा एडवेंचर्स स्पोर्ट्स से जुड़े काम देखते हैं। उनके दो दिन बाद सतना के रत्नेश पांडे, फिर इंदौर के मधुसूदन पाटीदार और इसी साल सीहोर की मेघा परमार ने यह उपलब्धि हासिक की है।
मध्यप्रदेश से सिर्फ चार ही पर्वतारोही ऐसे हैं जिन्होंने यह कारनामा किया है
1. भगवान सिंह(एवरेस्ट फतह : 19 मई 2016)
2. रत्नेश पांडे (एवरेस्ट फतह : 21 मई 2016)
3. मधुसूदन पाटीदार (एवरेस्ट फतह : 21 मई 2017)
4. नेहा परमार (एवरेस्ट फतह : 23 मई 2018)