नई दिल्ली: पीवी सिंधु भारत की उन चुनिंदा एथलीट्स में शामिल हैं जिन्होंने देश के लिए ओलंपिक में दो मेडल जीते हैं। सिंधु ने 2016 के रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल और 2021 के टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। पेरिस ओलंपिक में पहली बार ऐसा हुआ जब पीवी सिंधु बिना मेडल के देश लौटीं। उनका सफर क्वार्टर फाइनल में ही खत्म हो गया। सिंधु ने हार नहीं मानी है वह अब वापसी के लिए नए कोच की तलाश में हैं।
बेंगलुरु छोड़ हैदराबाद लौटीं पीवी सिंधु
सिंधु 29 साल की हो चुकी हैं। लॉस एंजेलिस ओलंपिक तक उनकी उम्र 33 हो चुकी होगी। बैडमिंटन जैसे खेल में 33 की उम्र में ओलंपिक मेडल लाना आसान नहीं है। सिंधु का अगला ओलंपिक खेलना उनकी फिटनेस पर निर्भर करता है। हालांकि उनका अगला लक्ष्य एशियन गेम्स 2026 है। वह इसके लिए नया कोच चाहती हैं और उन्होंने बेंगलुरु छोड़ हैदराबाद लौटने का फैसला किया है।
श्रीधर के साथ ट्रेनिंग करेंगी सिंधु
पीवी सिंधु के पिता पीवी रमन ने इंडिया एक्सप्रेस को बताया कि उनकी बेटी अब कुछ समय तक अनूप श्रीधर के साथ ट्रेनिंग करेंगी। उन्होंने कहा, ‘सिंधु ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद के गाचीबावली स्टेडियम लौट आई हैं। अभी कोई कैंप नहीं चल रहे हैं इसलिए हैदराबाद में ट्रेनिंग शुरू कर दी है। वह सीजन की शुरुआत अर्कटिक ओपन से करेगी।’
फिनलैंड जाकर सीजन शुरू करेंगी पीवी सिंधु
अनूप पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले लक्ष्य सेन को भी ट्रेन कर चुके हैं। वह यूरोप में होने वाले टूर्नामेंट्स के लिए सिंधु को ट्रेन करेंगे। रमन ने कहा, ‘सिंधु के कोच अगस का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो रहा है। हम श्रीधर के साथ नई पार्टनरशिप कर रहे हैं। 4-5 महीने में देखेंगे कि क्या होता है। अनूप हैदराबाद में सिंधु के साथ ट्रेनिंग करेंगे और फिर उसके साथ अर्कटिक ओपन के लिए फिनलैंड जाएंगे।’ अनूप श्रीधर के अलावा पीवी सिंधु विकल्प के तौर पर पूर्व कोरियन कोच पार्क टे सांग को भी देख रही हैं। पार्क को लेकर रमन ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि किसी झगड़े के बाद पार्क और सिंधु अलग हो गए हैं। हमें बस ऐसा लगा कि चीजें ठीक नहीं जा रही हैं और परिणाम नहीं मिल रहा है। सिंधु तब खेलेंगे जब तक वह चोटिल नहीं होंगी।’
रमन ने कहा- सिंधु को कुछ साबित नहीं करना है
पीवी सिंधु फिलहाल हैदराबाद के स्टेडियम में फिटनेस पर काम कर रहे हैं। वह अगले दो महीने टूर्नामेंट्स के लिए सफर कर रही होंगी। यूरोप में टूर्नामेंट के बाद कोरिया, कुमामोटो और चाइना मास्टर्स में हिस्सा लेंगी। सिंधु ने बीते काफी समय से कोई खिताब नहीं जीता था। हालांकि वह जापान में होने वाले एशियन गेम्स के लिए सब कुछ करने को तैयार है। सिंधु के पिता ने कहा, ‘सिंधु को कुछ साबित नहीं करना है। हालांकि उसे लगता है कि वह एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले हैं।’