22.1 C
New Delhi
Saturday, November 23, 2024

WFI Elections: कोर्ट का बड़ा दखल, भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर लगी रोक

नई दिल्लीः भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव पर से संकट के बादल हटने का नाम नहीं ले रहे। शनिवार (12 अगस्त) को मतदान होना था, लेकिन एक दिन पहले चुनाव पर रोक लगा दी गई है। दरअसल, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ (एचडब्ल्यूए) द्वारा दायर एक याचिका के बाद मतदान पर रोक लगा दी। हरियाणा कुश्ती संघ ने हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ (HAWA) को चुनावों में वोट डालने की अनुमति देने के कदम को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विनोद एस भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को वोट देने से पूर्वाग्रह पैदा होगा। हरियाणा कुश्ती संघ का नेतृत्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा कर रहे हैं। यह आधिकारिक तौर पर डब्ल्यूएफआई और हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन (HOA) से संबद्ध है।

विवाद की बड़ी वजह

अमर उजाला के अनुसार डब्ल्यूएफआई के नियमों के मुताबिक, एक राज्य संघ अपने चुनाव में वोट डालने के लिए दो सदस्यों को भेज सकता है, लेकिन हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने भी दावा किया है कि उनका डब्ल्यूएफआई से जुड़ाव है और उन्हें चुनाव में वोट देने का अधिकार है। हरियाणा कुश्ती संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील रविंदर मलिक ने खुलासा किया कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन से संबद्ध नहीं है इसलिए वे वोट देने के हकदार नहीं हैं।

हरियाणा कुश्ती संघ के वकील ने क्या कहा?

रविंदर मलिक ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “रिटर्निंग ऑफिसर ने हरियाणा एमेच्योर कुश्ती एसोसिएशन के पक्ष में निष्कर्ष दिया है और कहा है कि वे डब्ल्यूएफआई के साथ-साथ हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के साथ संबद्धता की शर्तों को पूरा करते हैं। हमने हाई कोर्ट में रिटर्निंग ऑफिसर के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया है कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती एसोसिएशन डब्ल्यूएफआई से संबद्ध हो सकता है लेकिन यह हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन से संबद्ध नहीं है। इसका मतलब है कि वे चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के हकदार नहीं हैं। मामले में हरियाणा एमेच्योर रेसलिंग एसोसिएशन को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई तो पूर्वाग्रह पैदा होगा और साथ ही डब्ल्यूएफआई चुनाव अवैध हो जाएंगे।”

गुवाहाटी हाई कोर्ट लगाई थी रोक

दरअसल, चुनावों की घोषणा होने के बाद यह तीसरा अवसर है जब कोर्ट ने दखल दिया। इससे पहले गुवाहाटी हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। पहले यह चुनाव 11 जुलाई को होने थे, लेकिन असम कुश्ती संघ की मांग पर यह रोक लगाई गई थी। असम कुश्ती संघ ने WFI, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की तदर्थ समिति और खेल मंत्रालय के खिलाफ दायर याचिका में कहा था कि वे डब्ल्यूएफआई से सदस्य के रूप में मान्यता के हकदार हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के गोंडा में 15 नवंबर 2014 को डब्ल्यूएफआई की आम परिषद को तत्कालीन कार्यकारी समिति की सिफारिश के बावजूद ऐसा नहीं किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा था गुवाहाटी हाई कोर्ट का फैसला

18 जुलाई को गुवाहाटी हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था। शीर्ष अदालत डब्ल्यूएफआई के चुनाव पर रोक लगाने वाले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने चुनाव पर लगी रोक खत्म कर दी थी।

अब क्या होगा?

अब सुप्रीम कोर्ट में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अर्जी दी जा सकती है। अगर सुप्रीम कोर्ट में फैसले को पलटा जाता है तभी चुनाव हो पाएंगे। ऐसे में कुश्ती संघ के चुनाव को लेकर संकट के बादल कम नहीं हो रहे। 12 अगस्त को होने वाले मतदान के लिए उम्मीदवारों की अंतिम सूची भी जारी कर दी गई थी।

चुनाव के लिए घोषित की गई उम्मीदवारों की अंतिम सूची में कौन-कौन थे:

अध्यक्ष : संजय कुमार सिंह, अनिता श्योराण।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष : देवेंदर कादियान, आईडी नानावटी।
उपाध्यक्ष : असित कुमार साहा, जय प्रकाश, करतार सिंह, मोहन यादव, एन फोनी।
महासचिव : दर्शन लाल, प्रेम चंद लोचब।
कोषाध्यक्ष : दुष्यंत शर्मा, सत्यपाल सिंह देशवाल।
संयुक्त सचिव : बेलिपडी गुणरंजन शेट्टी, कुलदीप सिंह, आरके पुरुषोत्तम, रोहताश सिंह।
कार्यकारी सदस्य : अजय वैद, एम. लोगानाथन, नेविकुओली खात्सी, प्रशांत राय, रजनीश कुमार, रतुल सरमा, उम्मेद सिंह।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

15,780FansLike
2,290FollowersFollow
5,445SubscribersSubscribe

Latest Articles