जकार्ता। जोश से भरे युवा सितारों और कुछ अनुभवी सितारों की मौजूदगी के बीच भारत 18वें एशियन गेम्स में अपनी दावेदारी पेश करने के लिए तैयार है, लेकिन बावजूद इसके यह आयोजन भारतीय एथलीटों के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय दल ने अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था लेकिन कोचों और एथलीटों को पहले से ही यह मालूम है कि एशियाड में परिस्थितियां अलग होंगी जहां चीन, जापान और कोरिया जैसे बेहद मजबूत देशों के एथलीट मौजूद होंगे। इससे भारतीय एथलीटों के ना तो उत्साह और ना ही उम्मीद में कोई कमी आई है।
2014 से आगे निकलना है : पदकों के लिहाज से भारत ने 2014 के एशियन गेम्स में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की थी। चार साल पहले भारत ने कुल 57 पदक जीते थे जिसमें 11 स्वर्ण, शामिल थे। इस बार 572 एथलीटों के दम पर उस प्रदर्शन को पीछे छोड़ने पर नजर गड़ाए बैठा है। पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रदर्शन के बाद भारतीय दल से पदकों की आशा दोगुनी हो गई है।
इनकी कमी खलेगी : टेनिस में ऐन समय तक जोड़ीदार तय नहीं होने से नाराज लिएंडर पेस के हटने से भारतीय चुनौती को झटका लगा है और कप्तान जीशान अली को फिर से रणनीति तैयार करनी पड़ेगी। महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू की कमी भी महसूस की जाएगी जो कि चोट की वजह से एशियन गेम्स में नहीं खेल पाएंगी। टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और जिम्नास्ट दीपा कर्माकर चोट के बाद वापसी कर रही हैं। खाने से खुश, कमरों से निराश : जकार्ता के साथ दक्षिण सुमात्रा प्रांत की राजधानी पालेमबैं आए खिलाड़ी खेल गांव में अलग-अलग तरह का खाना मिलने से खुश तो है, लेकिन उन्हें रहने के लिए मिले छोटे कमरे से थोड़ी शिकायत है। एक भारतीय खिलाड़ी ने कहा, यहां के कमरे छोटे हैं। हर कमरे में तीन बिस्तर और एक बाथरूम है। थोड़ी और जगह होती तो अच्छा होता। आप थोड़ा असहज महसूस करते हैं, पर इससे ज्यादा परेशानी नहीं।
भारतीय दल में 79 साल की रीता चौकसी सबसे उम्रदराज एथलीट
यह संयोग ही है कि रीता दिल्ली के खेलगांव परिसर में ही रहती हैं। इसे 1982 में एशियाड के लिए बनाया गया था। बाद में इसके फ्लैट्स बेच दिए गए थे। रीता के मुताबिक, वे नियमित योग और व्यायाम करती हैं। वे फिल्म स्टार बनना चाहती थीं, लेकिन पिता के विरोध के कारण यह सपना पूरा नहीं हो पाया। पिता ने ही ब्रिज खेलने के लिए प्रेरित किया। वे 1970 से इस खेल में हिस्सा ले रही हैं। कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इन एशियाई खेलों में वे चीन और इंडोनेशिया को कड़ी चुनौती मानती हैं।
सबसे उम्रदराज एथलीट बाम्बांग 78 साल के ब्रिज के खेल में भाग लेंगे
इंडोनेशिया के सर्वाधिक धनी व्यक्ति माइकल बाम्बांग हरटोनो 18वें एशियाई खेलों में हिस्सा लेने वाले सबसे उम्रदराज एथलीट होंगे। बाम्बांग 78 साल के हैं और वह ब्रिज के खेल में भाग लेंगे। बाम्बांग और उनके भाई बुदी हरटोनो फोर्ब्स मैगजीन की सूची में लगातार पिछले 10 वर्षों से इंडोनेशिया के शीर्ष-50 अमीर व्यक्तियों में शीर्ष पर रहे हैं। बाम्बांग ने एशियाई खेलों की तैयारी के लिए यूरोप और अमेरिका में हाल ही में दो महीने का अपना ट्रायल पूरा किया है। उन्होंने कहा कि बिल गेट्स और चीन के दिवंगत नेता डेंग शियोपिंग भी ब्रिज खिलाड़ी रहे हैं। बाम्बांग ने कहा, “अपनी याददाश्त को तेज रखने के लिए मैं ब्रिज खेलता हूं। मेरा दूसरा शौक ताई ची है, जो मुझे अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।” बाम्बांग ने कहा कि उनकी नजरें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर है, लेकिन इंडोनेशियाई सरकार की ओर से सभी स्वर्ण पदक विजेताओं को मिलने वाले 1.5 अरब इंडोनेशियाई मुद्रा की पुरस्कार राशि लेने से वह मना कर देंगे। उन्होंने कहा, “यदि मैं स्वर्ण जीतता हूं तो मैं सरकार की पुरस्कार राशि को एथलीट के ट्रेनिंग प्रोग्राम पर खर्च कर दूंगा।” बाम्बांग सीनियर ब्रिज खिलाड़ी बेर्ट टोअर पोली के साथ मिलकर सुपर मिश्रित टीम स्पर्धा में भाग लेंगे। इंडोनेशिया में होने वाले एशियाई खेलों में ब्रिज प्रतियोगिता 21 अगस्त से शुरू होगी और यह दो सितंबर तक चलेगी।