नई दिल्ली: पेरिस पैरालंपिक में भारतीय शूटर अवनि लेखरा ने गोल्ड और ब्रॉन्ज जीतकर इतिहास रच दिया था। इससे पहले उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड जीता था। 22 साल की अवनि पैरालंपिक में 3 मेडल जीतने वाली एकमात्र भारतीय शूटर हैं। हालांकि, व्हीलचेयर के सहारे चलने वालीं अवनि के लिए यह सफर आसान नहीं रहा है। अवनि को पेरिस पैरालंपिक से पहले उन्हें गॉल ब्लैडर की पथरी की सर्जरी करानी पड़ी थी। उन्हें गॉल ब्लैडर तक हटवाना पड़ गया। उन्हें एक महीने बेड रेस्ट की सलाह मिली थी। वह यह सोच रही थीं पैरालंपिक से पहले उनके साथ यह क्यों हुआ?
ऐसा क्यों हुआ
अवनि ने कहा, “यह मुझे लंबे समय से परेशान कर रहा था। जनवरी में, दिक्कत और भी बढ़ गई और डॉक्टरों ने मुझे गॉल ब्लैडर हटाने की सलाह दी और अप्रैल में मेरी सर्जरी हुई। मैं व्हीलचेयर पर शूटिंग करती हूं और मेरी कोर स्ट्रेंथ और कोर मांसपेशियां मेरे लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मुझे एक महीने के लिए पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी गई थी। हर कोई ट्रेनिंग और प्रतिस्पर्धा कर रहा था और मैं घर पर बैठी थी और कुछ नहीं कर रही थी। यह मेरे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं था। मैं सोच रही थी कि पैरालंपिक से ठीक पहले ऐसा क्यों हुआ।”
डिफेंडिंग चैंपियन होने का दबाव
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अवनि से सवाल हुआ कि क्या डिफेंडिंग चैंपियन होने की वजह से क्या पेरिस पैरालंपिक में उनपर दबाव था? उन्होंने इसका जवाब दिया, ” हां, बिल्कुल। जब आप पहली बार वहां जाते हैं, तो आप सिर्फ अनुभव हासिल करने जाते हैं। लेकिन जब आप डिफेंडिंग चैंपियन के तौर पर जाते हैं, तो हर किसी को आपसे उम्मीदें होती हैं। आपकी खुद की भी बहुत सारी उम्मीदें होती हैं। लेकिन यह आपकी मानसिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है। मुझे खुशी है कि मैं अपना खिताब का बचाव कर सकी।”